
Weather: चंडीगढ़/हिसार सच कहूँ/संदीप सिंहमार। उत्तरी भारत में सर्दी ने दस्तक तेज कर दी है। 3 दिसम्बर की सुबह पंजाब‑हरियाणा सहित उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में न्यूनतम तापमान सामान्य से 2 से 5 डिग्री तक नीचे चला गया, जिससे ठिठुरन और शीतलहर जैसे हालात बनते दिख रहे हैं। चंडीगढ़, लुधियाना, पटियाला और अमृतसर सहित पंजाब के अधिकांश शहरों में न्यूनतम तापमान 5 से 7 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज हुआ, जो सामान्य से 2–5 डिग्री कम है। पंजाब के फऱीदकोट में मैदानों में देश का सबसे कम पारा 2.6 डिग्री पर पहुँच गया है। हरियाणा के लिए जारी न्यूनतम तापमान बुलेटिन में चंडीगढ़, करनाल, रोहतक, नारनौल आदि स्थानों पर सुबह का तापमान 5 से 7 डिग्री के आस‑पास रहा, जो सामान्य से 2–5 डिग्री कम है। गुरुग्राम में न्यूनतम तापमान लगभग 3.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज होने से यह हरियाणा का सबसे ठंडा स्थान रहा, जबकि हिसार, भिवानी और सिरसा जैसे पश्चिमी ज़िलों में भी ठंडी उत्तर‑पश्चिमी हवाओं के कारण कड़ाके की सर्दी दर्ज की गई।
शीतलहर की चेतावनी और उत्तर भारत पर असर | Weather
भारतीय मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि 3 से 5 दिसम्बर के बीच पंजाब और उत्तर‑पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में शीतलहर की स्थिति विकसित हो सकती है, जबकि राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य भारत में भी ठंड का एक नया दौर सक्रिय होने की संभावना है। विभाग के मौसमी परिदृश्य के अनुसार इस बार दिसम्बर से फरवरी के बीच उत्तर‑पश्चिम और मध्य भारत में न्यूनतम तापमान सामान्य से कम तथा शीतलहर वाले दिनों की संख्या सामान्य से 4–5 दिन अधिक रह सकती है, जिसका सीधा असर खेती, स्वास्थ्य और ऊर्जा मांग पर पड़ेगा।
दिल्ली‑एनसीआर और आमजन पर पड़ने वाला प्रभाव
दिल्ली‑एनसीआर क्षेत्र में भी 1-2 दिन में न्यूनतम तापमान में तेज गिरावट दर्ज की गई है। राजधानी में पारा 9–10 डिग्री तक पहुंच गया जो सामान्य से कम है और आगे और गिरावट का अनुमान है। विशेषज्ञों के अनुसार इतनी जल्दी शुरू हुई सर्दी से खुले में काम करने वाले मजदूरों, बुजुर्गों और बच्चों में सर्दी‑ज़ुकाम, ब्रोंकाइटिस और अस्थमा जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं, इसलिए रात में अतिरिक्त परत वाले गर्म कपड़े, सुबह‑शाम घर से निकलते समय मफलर‑टोपी और आवश्यक दवाओं की व्यवस्था करने की सलाह दी गई है।
खेतों, धुंध और बिजली खपत की स्थिति
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अगले कुछ दिनों तक न्यूनतम तापमान में और 2–3 डिग्री तक गिरावट संभव है, जिससे हरियाणा‑पंजाब की सरसों, गेहूं और सब्जी वाली फसलों पर एक ओर तो लाभकारी ठंड का असर होगा, वहीं देर‑देर तक छाए रहने वाली धुंध‑कोहरे की स्थिति बनी तो रोग‑कीट और नमी से जुड़ी समस्याएं भी उभर सकती हैं। सर्दी बढ़ने के साथ शहरों और कस्बों में बिजली की मांग तेज़ी से बढ़ने की आशंका जताई गई है, जबकि घने कोहरे और कम दृश्यता के कारण सड़क‑रेल यातायात पर भी आने वाले दिनों में असर पड़ सकता है; मौसम विभाग ने लोगों से अनावश्यक यात्रा से बचने और सुरक्षित ड्राइविंग के निर्देशों का पालन करने की अपील की है।













