अब अस्पतालों में भर्ती होने के लिए जरूरी नहीं कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट

Now corona positive report is not necessary to be admitted to hospitals

केंद्र ने किया बड़ा बदलाव

नई दिल्ली (एजेंसी)। देश में कोरोना वायरस की विकराल दूसरी लहर के बीच केंद्र सरकार ने शनिवार को कोविड-19 के इलाज को लेकर कई अहम बदलाव किए हैं। अब मरीजों को अस्पताल में भर्ती करवाए जाने के लिए कोविड-19 की पॉजिटिव रिपोर्ट की जरूरत नहीं होगी। पहले अस्पतालों में भर्ती करवाने के लिए कोविड की पॉजिटिव रिपोर्ट या फिर सीटी-स्कैन की जरूरत होती थी। कोरोना मरीजों को कोविड सुविधाओं में भर्ती करवाने के लिए राष्ट्रीय नीति में संशोधन किया गया है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, ”कोरोना का संदिग्ध मामला अगर होता है तो उसे सीसीसी, डीसीएचसी या डीएचसी वॉर्ड में भर्ती किया जाए। किसी भी मरीज को सर्विस देने के लिए इनकार नहीं किया जा सकता है। इसमें ऑक्सीजन या आवश्यक दवाएं भी शामिल हैं, भले ही मरीज किसी दूसरे शहर का ही क्यों न हो।” केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस बारे में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के चीफ सेक्रेटरी को निर्देश दिया है। जिसके अनुसार 3 दिनों के भीतर नई नीति को अमल में लाएं।

पीएम ने उद्धव और स्टालिन से कोरोना की स्थिति पर बात की

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना महामारी के संक्रमण की दृष्टि से विकट स्थिति का सामना कर रहे तमिलनाडु और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्रियों से आज बात कर स्थिति की जानकारी ली। मोदी ने शनिवार को तमिलनाडु के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री एम के स्टालिन और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ टेलीफोन पर बात की। उन्होंने दोनों राज्यों में कोरोना महामारी से उत्पन्न स्थिति पर विस्तार से चर्चा की तथा स्थिति की समीक्षा की। सूत्रों के अनुसार मोदी ने महाराष्ट्र में कोरोना महामारी के संक्रमण से निपटने के लिए राज्य सरकार के प्रयासों तथा उपायों की सराहना की। उन्होंने दोनों मुख्यमंत्रियों से टीकाकरण अभियान के बारे में भी बात की और इसमें तेजी लाने को कहा। पिछले कुछ दिनों से मोदी हर रोज कुछ राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बात कर वहां कोरोना महामारी से निपटने के उपायों तथा रणनीति पर चर्चा कर रहे हैं।

कोरोना से विधान पार्षद तनवीर अख्तर की भी गई जान

बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के नेता और विधान पार्षद तनवीर अख्तर का कोरोना के कारण निधन हो गया। वह करीब 58 वर्ष के थे। अख्तर कोरोना से संक्रमित हो गए थे और पिछले 26 अप्रैल को तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें इलाज के लिए पटना के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आईजीआईएमएस) में भर्ती कराया गया था,जहां शनिवार को उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके परिवार में एक बेटा और एक बेटी है। जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्र रहे अख्तर ने राजनीति की शुरूआत कांग्रेस से की थी। कांग्रेस के छात्र संगठन नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन आॅफ इंडिया (एनएसयूआई) उम्‍मीदवार के रूप में उन्‍होंने जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष पद का चुनाव जीता था। वह पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांंग्रेस के कद्दावर नेता गुलाम नबी आजाद के बेहद करीबी थे।

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