अब मंकीपॉक्स से बचना होगा

Monkeypox in Thailand

आए दिन नई-नई बीमारियां इन्सानी जिंदगी के लिए खतरा बन रही हैं। कोरोना वायरस का प्रकोप बेशक कम हुआ है, लेकिन पूर्ण रूप से खत्म नहीं हुआ। मानव विज्ञान में तरक्की कर रहा है, लेकिन जो तरक्की विकास के लिए होनी चाहिए, कहीं-न-कहीं यह तरक्की विनाश की तरफ भी होने लगी है। ‘कोरोना’ इसका जीता जागता उदाहरण है। कोरोना के बाद ब्लैक फंगस तो अब मंकीपॉक्स नामक बीमारी ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को भी चिंता में डाल दिया है। इस बीमारी के अब तक 75 देशों में 16 हजार से अधिक मामले मिल चुके हैं। जिस कारण विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसको लेकर आफत चेतावनी जारी करनी पड़ी है। जिसका मतलब है कि अब दुनिया को इस बीमारी के प्रति सतर्कता बरतनी होगी और इसके गंभीर परिणामों से निपटने के लिए उपाय और तैयारियां करनी होंगी।

कोरोना महामारी ने इन्सान को काफी कुछ सिखाया है कि थोड़ी सी लापरवाही कितनी भारी पड़ सकती है। बेशक मंकीपॉक्स का विषाणु कोरोना जैसा घातक नहीं है और इसका फैलाव भी कोरोना जैसा नहीं है। इस बीमारी से पीड़ित की त्वचा के संपर्क में आने से ही यह बीमारी फैलती है। भारत में अभी तक इस बीमारी के पांच मामले सामने आए हैं। पहले यह कहा जाता रहा कि विदेश से आने वाले ही इस बीमारी से संक्रमित हुए, लेकिन पिछले दिनों दिल्ली में जिस व्यक्ति को यह बीमारी मिली उसकी विदेश यात्रा की कोई हिस्ट्री नहीं थी, ऐसे में इस बीमारी के स्रोत बारे वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ना स्वाभाविक है। एक शोध पत्र ने यह दावा किया है कि समलैंगिता ही इस बीमारी की जनक है।

बेशक अभी वैज्ञानिकों ने इसकी पुष्टि नहीं की, लेकिन इसमें कोई दो राय नहीं कि प्रकृति से खिलवाड़ ही आपदाओं का कारण बनता है। चाहे वह नभ, जल या थल की आपदा हो या बीमारियों के रूप में। प्रकृति से खिलवाड़ केवल इन्सान के लिए ही नहीं बल्कि प्राणी मात्र के लिए घातक सिद्ध होता है। मंकीपॉक्स का कारण चाहे जो भी हो, दुनिया को इससे सतर्क रहना होगा क्योंकि पिछले कुछ वर्षों में कोरोना वायरस ने जिस तरह से अपने रूप बदले इसने चिकित्सा वैज्ञानिकों को भी हैरत में डाल दिया। केवल बचाव ही बीमारी से रक्षा कर पाया। इसलिए मंकीपॉक्स से भी सावधान रहने की आवश्यकता है। दुनिया को हाथ मिलाने की पाश्चात्य परम्परा को छोड़कर हाथ जोड़कर अभिवादन करने की भारतीय परंपरा को पकड़ना होगा। क्योंकि ज्यादातर बीमारियां सीधे संपर्क से आती हैं।

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