पराली जलाने की रिपोर्ट की पुष्टि के लिए रात को अधिकारी पहुंचे खेतों में

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रिपोर्ट के सत्यापन के लिए रात में उपायुक्त द्वारा भेजा गया क्षेत्र में अधिकारी का फोटो (रजनीश रवि)

खेत के किनारे घास में लगा दी गई थी आग

  •  उपायुक्त डॉ. दुग्गल ने किसानों से पराली न जलाने की अपील | Fazilka News

फाजिल्का (सच कहूँ/रजनीश रवि)। रविवार को रिमोट सेंसिंग स्टेशन (Remote Sensing Station) की रिपोर्ट के अनुसार अबोहर के गांव भागू में खेतों में आग लगने की सूचना मिली। इस पर कार्रवाई करते हुए उपायुक्त डॉ. सेनू दुग्गल ने छुट्टी की रात ही अधिकारियों की एक टीम मौके पर भेज दी। इस टीम में कृषि विभाग के क्लस्टर अधिकारी, संबंधित गांव के नोडल अधिकारी और पटवारी शामिल थे। Fazilka News

टीम ने मौके पर जाकर जांच की तो पता चला कि धान की खेती नहीं बल्कि बाजरे की खेती की गई थी और खेत के किनारे घास में आग लगा दी गई थी। बता दें कि इस बार पराली जलाने की घटनाओं पर सरकार की पैनी नजर है और पराली जलाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। इससे पहले जिले के गांव राणा में आग लगने की घटना हुई थी, जिस मामले में पराली जलाने वाले पर 2500 रुपए का जुर्माना लगाया गया था और सदर थाना फाजिल्का में एफआईआर भी दर्ज की गई थी।

उधर, जिले के उपायुक्त डॉ. सेनु दुग्गल आईएएस ने एक बार जिले के किसानों से अपील की है कि वे पराली न जलाएं बल्कि उसे खेत में मिलाकर गेहूं की बुआई करें। उन्होंने कहा कि हम लोगों की बात मानकर प्राकृतिक पोषक तत्वों से भरपूर पराली को समस्या मान रहे हैं, जबकि यह किसान के लिए शर्म की बात है। यदि इसे खेत में मिलाकर गेहूं बोया जाए तो इससे किसान की मिट्टी की सेहत में सुधार होता है। उन्होंने कहा कि मल्चिंग तकनीक से पराली में गेहूं बोने के लिए किसी बड़ी मशीन की जरुरत नहीं पड़ती है, इसलिए किसान किसी भी प्रकार की सहायता के लिए कृषि विभाग से संपर्क करें और पराली जलाने से बचें। Fazilka News

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