सूलर घराट से नीलोवाल जाती नहर में आई 50 फुट चौड़ी दरार
गोबिन्दगढ़ जेजियां (सच कहूँ/भीम सैन इन्सां)। Gobindgarh Jejian News: गांव खड्याल में सूलर घराट से नीलोवाल जाती नहर में 50 फुट चौड़ी दरार आने से किसानों की 1000 एकड़ धान की फसल तबाह हो गई व 20 एकड़ पक्की मक्की की फसल खत्म हो गई। नहर टूटने से जमीनों में पानी ने बाढ़ का रूप धारण कर लिया। एकत्रित हुए किसान जगदीप सिंह, सन्दीप सिंह व सतगुर ने जानकारी देते बताया कि वीरवार सुबह गांव खड्याल में यह नहर टुट्ट गई। उन्होंने बताया कि पानी का बहाव बहुत ही तेज था, जिस कारण किसानों की धान की फसल में होता हुआ पानी ग्रामीणों के घरों तक पहुंच गया, जिससे किसानों का लाखों का नुक्सान हुआ है। Sangrur News
नहर टूटने की घटना का पता चलते ही गांव खड्याल व आसपास के गांवों के किसान मौके पर पहुंचे व स्थिति को काबू में करने कोशिश की, वहीं ग्रामीणों का कहना है कि संबंधित विभाग ने एक सप्ताह से इस नहर में पानी अधिक मात्रा में छोड़ा हुआ था, वहीं ग्रामीणों ने नहरी विभाग को नहर में अधिक मात्रा में आ रहे पानी की वीडियो भेजकर नहर में पानी कम करने की अपील की थी, लेकिन विभाग ने अगले क्षेत्र में पानी की ज्यादा जरूरत होने की बात कहकर नहर में पानी कम नहीं किया। उन्होंने बताया कि इस नहर की साफ-सफाई का काम भी बिल्कुल नहीं हुआ था, जिस कारण नहरी विभाग की लापरवाही से किसानों का लाखों का नुक्सान हो गया।
किसानों का कहना है कि यह नहरी विभाग की लापरवाही के कारण ही नहर टूटी है। उन्होंने बताया कि पिछले साल भी इस नहर में 50 फुट तक दरार आई थी, जिससे किसानों को भारी नुक्सान पहुंचा था, लेकिन नहरी विभाग के कानों पर जूं तक नहीं सरकी। उन्होंने कहा कि उन्होंने पिछले साल भी संबंधित जेई व एसडीओ को नहर की सफाई के बारे में कहा था, लेकिन उन्होंने ग्रामीणों को यह कहकर टाल दिया कि यह नहर दोबारा बनेगी। ग्रामीणों ने कहा कि आज जो नहर टूटी है, उसमें पानी का बहाव इतना तेज था कि पूरे गांव में खतरा मंडराने लगा है। किसानों ने बताया कि हमने मक्की पर 20 हजार रुपये प्रति एकड़ खर्च किया है, जोकि हमने ठेके पर जमीन लेकर अपने पशुओं के लिए बीजी थी, किसानों ने बताया कि अब धान की फसल की रोपाई के लिए पनीरी का इंतजाम भी मुश्किल हो जाएगा। Sangrur News
घटना का पता चलते ही थाना छाजली के एसएचओ गुरमीत सिंह पुलिस पार्टी सहित मौके पर पहुंचे। थाना छाजली के प्रमुख गुरमीत सिंह ने कहा कि ड्रेन के जेई व एसडीओ से बात हो गई है। उन्होंने कहा कि उन्होंने मिट्टी व जेसीबी का इंतजाम कर लिया है व नहर में पीछे से पानी बंद करवाने के आदेश भी दे दिए हैं, वहीं ग्रामीणों ने नहर में आई दरार को भरने के लिए मनरेगा मजदूरों व मिट्टी की ट्रालियों का इंतजाम किया।
वहीं दूसरी तरफ जब ड्रेन विभाग के एसडीओ आर्यन से बात की तो उन्होंने कहा कि मुझे जैसे घटना के बारे में पता चला तो मैं तुरंत मौके पर पहुंच गया था व हमारी लगातार दरार को भरने की कोशिशें जारी हैं और हमने पानी का बहाव पीछे से कम करवा दिया है। और अब नहर में पेड़ डालकर पानी के बहाव को कम करने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं नहरी विभाग से जेई प्रदीप सिंह ने कहा कि यह नहर काफी पुरानी है व काफी कमजोर है और हमने संबंधित विभाग को जानकारी दे दी है और यह नहर दोबारा बनाई जाएगी, ताकि आगामी समय में इस तरीके का नुक्सान न हो।
घटना संबंधी जानकारी देते संगरूर के डिप्टी कमिशनर सन्दीप रिशी ने बताया कि वीरवार को सुबह लगभग 5 बजे के करीब इस नहर में दरार आई थी, जिससे काफी नुक्सान हुआ है और सुबह से ही हर संंबंधित प्रशासनिक अधिकारियों को मौके पर भेजा गया है। इस बांध को पक्का लगाने के लिए सबसे पहले पटियाला से हमें पानी रोकना होगा, जिसके बारे में संबंधित विभाग को कह दिया गया है। शाम तक पानी कम हो जाएगा, जिसके बाद बांध लगाकर पानी रोका जाएगा, लेकिन इस बांध को पक्के तौर पर मजबूत करने में दो दिन का समय लगेगा। Sangrur News
डीसी ने कहा कि वह किसानों से अपील करते हैं कि वह अपने थोड़े से लालच के चलते नहर के नजदीक पटड़ी को अपने खेतों में न मिलाएं, जिससे पटड़ी कमजोर हो जाती है और दरार जैसी स्थिति पैदा हो जाती है। उन्होंने कहा कि जब पानी का स्तर कम होगा तो फिर खेतों का मुआयना किया जाएगा और जिन किसानों का नुक्सान हुआ है, उनके मुआवजे की भी कार्रवाई जल्द शुरु की जाएगी।
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