Operation ‘Shutdown’: जयपुर। राजस्थान पुलिस ने एक बार फिर साइबर अपराध के खिलाफ बड़ी सफलता हासिल की है। झालावाड़ पुलिस द्वारा संचालित “ऑपरेशन शटरडाउन” के तहत एक अंतर्राज्यीय साइबर गिरोह का पर्दाफाश हुआ है, जो केंद्र और राज्य सरकार की कई योजनाओं में सेंध लगाकर करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी कर रहा था। यह गिरोह पीएम किसान सम्मान निधि, जनआधार पोर्टल, राज्य सामाजिक सुरक्षा पेंशन पोर्टल (RajSSP) और आपदा प्रबंधन पोर्टल (DMIS) में अनधिकृत पहुँच बनाकर फर्जी लाभार्थियों को भुगतान करवा रहा था। Rajasthan News
अब तक की बड़ी कार्रवाई
एसपी अमित कुमार के निर्देशन में चली इस कार्रवाई में पुलिस ने दिल्ली, पंजाब और राजस्थान के जयपुर, भरतपुर, दौसा तथा जोधपुर से 6 मुख्य आरोपी गिरफ्तार किए हैं। साथ ही 11,000 से अधिक संदिग्ध बैंक खातों को फ्रीज कर करीब ₹1 करोड़ रुपये जब्त किए गए हैं। गिरफ्तार आरोपियों में सरकारी तंत्र में कार्यरत कुछ कर्मचारी भी शामिल हैं, जिन्होंने अपने पद का दुरुपयोग कर गोपनीय सिस्टम तक पहुँच बनाई।
- मोहम्मद लईक, जयपुर – पीएम किसान निधि के राज्य नोडल कार्यालय में ऑपरेटर, जिसने अपनी आधिकारिक आईडी का उपयोग कर अवैध यूज़र आईडी बनाई और रात में ओटीपी बायपास कर फर्जी लैंड सीडिंग की।
- सुभाष, दिल्ली – अपात्र लाभार्थियों का डेटा जुटाकर मुख्य आरोपियों तक पहुँचाता था।
- मोहम्मद शाहीद खान, भरतपुर – फर्जी खातों के माध्यम से लेनदेन करवाने में सक्रिय।
- रोहित कुमार व संदीप शर्मा, पंजाब – सरकारी योजनाओं की नकली वेबसाइट तैयार कर लोगों से जानकारी हासिल करते थे।
- सुनंत शर्मा – गिरोह का संचालनकर्ता व मुख्य हैंडलर।
- डिटेन किए गए आरोपियों में फलौदी कलेक्ट्रेट का कर्मचारी रमेशचंद और दौसा का भागचंद भी शामिल है।
बरामद सामग्री | Rajasthan News
जांच में पुलिस ने बड़ी मात्रा में डिजिटल उपकरण और नकदी जब्त की —
- ₹53 लाख नकद
- नोट गिनने की मशीन
- सैकड़ों पासबुक, एटीएम कार्ड और चेकबुक
- 35 लैपटॉप, 70 मोबाइल फोन
- 11,000 संदिग्ध बैंक खातों का डेटा
- सरकारी पोर्टलों के HTML कोड और लॉगिन आईडी
धोखाधड़ी का तरीका | Rajasthan News
गिरोह ग्रामीण इलाकों से उन लोगों का डेटा जुटाता था, जिनकी योजनाएँ लैंड सीडिंग या केवाईसी के कारण निष्क्रिय हो चुकी थीं। इसके बाद नोडल ऑफिस के अंदर बैठे कर्मचारी अवैध आईडी बनाकर रात में सिस्टम एक्सेस करते और ओटीपी बायपास करके अपात्र लाभार्थियों के खाते सक्रिय कर देते। सुबह होते ही ये आईडी फिर से निष्क्रिय कर दी जाती थीं, जिससे धोखाधड़ी का पता न चल सके।
पुलिस ने बरामद डिवाइसों के विश्लेषण में पाया कि गिरोह AePS प्रणाली की खामियों का लाभ उठाकर मुआवजा और पेंशन की राशि को अपने खातों में ट्रांसफर कर रहा था। जनआधार व सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं से जुड़ी कई हाई-टेक हैकिंग स्क्रिप्ट्स भी बरामद की गई हैं, जिनसे स्वयं सत्यापन और फर्जी एक्टिवेशन संभव हुआ था।
स्पेशल टास्क फोर्स की भूमिका
इस बहु-राज्यीय कार्रवाई को अंजाम देने के लिए झालावाड़ पुलिस ने 6 सदस्यीय विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया। एसओजी जयपुर, दिल्ली पुलिस, पंजाब पुलिस और राजस्थान के विभिन्न जिलों की टीमों के सहयोग से यह बड़ी कार्रवाई संभव हो सकी। पुलिस ने ₹25,000 इनाम की घोषणा करते हुए पाँच फरार आरोपियों की तलाश तेज कर दी है। फिलहाल एसआईटी अब गिरोह द्वारा अर्जित अवैध संपत्तियों के स्रोत और सरकारी सिस्टम में की गई सेंध की गहराई से जांच कर रही है। Rajasthan News















