गुरुग्राम: अब चिंटेल पैराडिसो का टावर-एच भी रहने के लिए असुरक्षित

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गुरुग्राम: अब चिंटेल पैराडिसो का टावर-एच भी रहने के लिए असुरक्षित

15 दिन में टावर-एच खाली करने के दिए गए आदेश

  • इससे पहले टावर डी, ई, एफ व जी को असुरक्षित करार दिया गया है | Gurugram News

गुरुग्राम (सच कहूँ/संजय कुमार मेहरा)। सेक्टर-109 स्थित चिंटेल पैराडिसो सोसायटी में फ्लैट की छत गिरने के बाद से यहां के टावरों  (Towers) की जांच चल रही है। अब यहां के टावर-एच की स्ट्रक्चर ऑडिट रिपोर्ट आईआईटी दिल्ली द्वारा जारी की गई है, जिसमें एच टावर को रहने के लिए असुरक्षित कहा गया है। जिलाधीश एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष निशांत कुमार यादव ने चिंटेल पैराडिसो के टावर-एच को खाली कराने के आदेश जारी किए है।

जिलाधीश एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष निशांत कुमार यादव ने टावर एच में रहने वाले निवासियों को अगले 15 दिनों के भीतर परिसर खाली करने के आदेश दिए हैं। इस कार्य के लिए डीटीपी (ई) को नोडल अधिकारी एवं ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया है। इन आदेशों का उल्लंघन करने वाले के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। चिंटेल पैराडिसो कॉन्डोमिनियम में नौ आवासीय टावर हैं। प्रदेश सरकार ने पिछले साल 10 फरवरी को टावर-डी की छह मंजिलें गिर जाने के बाद सभी नौ टावरों के संरचनात्मक ऑडिट का आदेश दिया था। इस हादसे में दो महिला निवासियों की मौत हो गई थी।

आईआईटी दिल्ली की ओर से जारी रिपोर्ट में कहा गया कि स्ट्रक्चर की जांच में काफी मात्रा में जंग मिला है। निर्माण के दौरान कंकरीट में क्लोराइड गया है। टावर के स्ट्रक्चरल की मेंटिनेंस के दौरान भी क्लोराइड की मात्रा गई। टावर के कंडम होने के पीछे घटिया क्वालिटी के कंक्रीट का इस्तेमाल होना पाया गया। ऐसे में इस टावर की मेंटेनेंस तकनीकी रूप से नहीं की जा सकती है। क्लोराइड की मात्रा अधिक होने के कारण यह टावर रहने लायक नहीं है। इस मामले की पहले सीबीआई की जांच शुरू हुई। उसके बाद सेक्टर-109 स्थित चिंटल पैराडिसो की जांच में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी शामिल हो गई। ईडी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट 2002 के तहत जांच शुरू की। Gurugram News

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