पी. चिदंबरम ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना

P Chidambaram

नई दिल्ली (एजेंसी)। कांग्रेस ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि देश की अर्थव्यवस्था ‘सही’ हाथों में नहीं है और यही वजह है कि दुनिया के बेहतरीन अर्थशास्त्री बीच में ही सरकार का साथ छोड़ चुके हैं।कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदम्बरम (P Chidambaram) ने यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाताओं से बातचीत में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की दोनों सरकारों और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की पुरानी एवं मौजूदा सरकारों के कार्यकाल में आर्थिक विकास दर (जीडीपी) के आंकड़ों का उल्लेख करते हुए कहा कि मोदी सरकार में अर्थव्यवस्था और प्रबंधन ‘सही’ हाथों में नहीं है।

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में अर्थव्यवस्था और प्रबंधन दोनों ही सही हाथों में था। उन्होंने कहा कि देश में प्रतिष्ठित अर्थशास्त्रियों की कोई कमी नहीं है, लेकिन यह सरकार उन्हें ढूंढ नहीं पायी। उन्होंने कहा कि विदेशों से कई बेहतरीन अर्थशास्त्री भारत आ चुके हैं और थोड़े-थोड़े कार्यकाल के बाद किसी न किसी कारण वापस लौट चुके हैं। चिदम्बरम ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार में नोटबंदी और त्रुटिपूर्ण वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू किये जाने से लोग ‘कर आतंकवाद’ का सामना कर रहे हैं।

आर्थिक वृद्धि दर के सर्वश्रेष्ठ साल संप्रग सरकार के थे

उन्होंने कर आतंकवाद को परिभाषित करते हुए कहा कि जीएसटी की खामियों को कारण एक व्यक्ति को महीने में तीन-तीन और साल में 37 आयकर विवरणी भरनी पड़ रही है। यदि उस व्यक्ति का कारोबार देश के विभिन्न हिस्सों में हो तो आयकर विवरणी की यह संख्या सैकड़ों में होगी। उन्होंने सवाल किया कि यह कर आतंकवाद नहीं तो और क्या है?

उन्होंने कहा कि जीडीपी श्रृंखला पर आधारित आंकड़ा ‘आखिरकार’ आ गया है। यह साबित करता है कि संप्रग शासन के दौरान (औसतन 8.1 प्रतिशत) की वृद्धि दर मोदी सरकार के कार्यकाल की औसत वृद्धि दर (7.3%) से अधिक रही। उन्होंने कहा कि जीडीपी की पुरानी गणना पद्धति ने साबित किया है कि आर्थिक वृद्धि के सबसे सर्वश्रेष्ठ वर्ष संप्रग सरकार के (2004-14) थे। केंद्रीय सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा हाल ही में जारी आंकड़ों का जिक्र करते हुए श्री चिदंबरम ने कहा, ‘जीडीपी गणना की पुरानी पद्धति ने साबित किया है कि आर्थिक वृद्धि दर के सर्वश्रेष्ठ साल संप्रग सरकार के थे।

Hindi News से जुडे अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter पर फॉलो करें।