15 जून के बाद शुरु होगी धान की रोपाई

 पहले धान लगाने पर कृषि विभाग ने लगाया प्रतिबंध

सच कहूँ/तरसेम सिंह
जाखल। धान का सीजन नजदीक आते ही किसान तैयारियों में जुट गए हैं। 15 जून के बाद धान की रोपाई का कार्य शुरू होना है। इससे पहले धान लगाने पर प्रतिबंध है। अगर किसी ने 15 जून से पहले धान की रोपाई की तो कृषि विभाग की तरफ से कार्रवाई की जाएगी। किसानों ने मई माह में धान की पनीरी लगा दी थी, अब खेत को तैयार किया जा रहा है। रोपाई को लेकर मजदूरों की भी तलाश की जा रही है। प्रवासी मजदूर बड़ी मात्रा में धान रोपाई के लिए गांव में पहुंचते हैं। गांव सिधानी के विक्रम, रिंकू गुर्जर व चांदपुरा के किसान गुरसेवक, करमजीत, मेघा, गुरप्रीत इंसान कई किसानों ने बताया कि खेतों में आ रही बिजली किसानों को 5 घंटे उपलब्ध हो रही है जबकि किसान 15 जून के बाद रोपाई करेंगे इतनी कम बिजली से कुछ भी नहीं होगा किसानों को कम से कम 8 घंटे बिजली मिलनी चाहिए। उन्होंने बताया कि ट्यूबवेल के आसपास थोड़ी-थोड़ी मात्रा में किसानों ने धान की रोपाई का कार्य शुरू कर दिया है। 15 जून के बाद सीजन जोरों पर होगा तब न तो उनको उचित मात्रा में बिजली है और ना ही मजदूर उपलब्ध होंगे। इस बार धान की किस्म उषा, परमल व 1509 ज्यादा मात्रा में रहेगी। इसका कारण एक तो किसानों को अच्छे भाव सीजन में मिले थे। तीन हजार रुपये प्रति क्विंटल के भाव से यह धान बिका था।

8 घंटे उपलब्ध हो बिजली

किसान यूनियन पगड़ी संभाल जट्टा ब्लॉक जाखल कमेटी के सदस्य जग्गी महल, रोहित सरपंच, सिमरनजीत, निशान सिंह आदि दर्जन भर किसानों का एक जनसमूह जाखल 132 केवी सब स्टेशन के एसडीओ अंकित जैन से मिले ओर किसानों और उपभोक्ताओंं की परेशानियों को उनके समक्ष रखते हुए इनकोोो दूर करने की अपील की। किसानों ने एसडीओ को बताया कि गांव म्योंद कलां में शहीद भगत सिंह की प्रतिमा के पास बिजली ट्रांसफॉर्म को ऊंचा उठाया जाए, जाखल एपी लाइन में स्विच लगाए जाएं वही खेतों को बिजली 8 घंटे देने के बारे में बातचीत की। जाखल एसडीओ ने भी किसानोंं की सभीी समस्याओंं को दूर करने का आश्वासन दिया।

उपमंडल अधिकारी डॉ. अजय ढिल्लो ने बताया कि धान की रोपाई का कार्य किसान 15 जून के बाद ही करें। इसके लिए किसानों को जागरूक भी किया जा रहा है। किसानों से यह भी अपील की जा रही है कि धान की सीधी बिजाई करें, इससे 40 प्रतिशत पानी की बचत होती है। इस विधि से खेती करने से पैदावार भी ज्यादा रहती है।

अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और TwitterInstagramLinkedIn , YouTube  पर फॉलो करें।