बालिका की मौत के बाद मंडावर गांव में दहशत व्याप्त

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Kairana बालिका की मौत के बाद मंडावर गांव में दहशत व्याप्त

वन विभाग की टीमों ने तेंदुए की तलाश में दिनभर छानी जंगलों की खाक

कैराना (संदीप इन्सां)। खूंखार तेंदुए का शिकार हुई चार वर्षीय मासूम बालिका की मौत के बाद से मंडावर गांव में दहशत का माहौल व्याप्त है। ग्रामीण खेतों में जाने से कतरा रहे है। वहीं, वन विभाग की टीमों ने ग्रामीणों के साथ मिलकर आदमखोर तेंदुए की तलाश में दिनभर जंगलों की खाक छानी। लेकिन तेंदुए का कोई सुराग नही लग सका। तेंदुए को पकड़ने के लिए वन विभाग की टीमें गांव में डेरा डाले हुए है।

जनपद मुजफ्फरनगर के गांव तिसंग निवासी फारुख की चार वर्षीय बेटी अंशा खादर क्षेत्र के मंडावर गांव में अपने नाना लियाकत के यहां आई हुई थी। लियाकत का मकान गांव से बाहर खेतों की ओर बना हुआ है। विगत रविवार को रात्रि करीब साढ़े नौ बजे अंशा मकान के दरवाजे पर खड़ी हुई थी। इसी दौरान जंगल की ओर से आये तेंदुए ने दरवाजे पर खड़ी बालिका के ऊपर हमला बोल दिया। तेंदुआ बालिका को मुंह में उठाकर जंगल की ओर भाग गया। शोर-शराबा होने पर ग्रामीणों ने लाठी-डंडे आदि लेकर तेंदुए का पीछा किया, लेकिन तब तक वह बालिका को घसीटता हुआ जंगल में चला गया। ग्रामीणों के शोर मचाने पर तेंदुआ बालिका को लिप्टिस के पेड़ों के बीच छोड़कर ईंख के खेत से होकर फरार हो गया। तेंदुए ने बालिका के दांए कान के नीचे के हिस्से को नोच रखा था, जिससे उसकी मौत हो गई। बालिका की मौत से परिजनों में कोहराम मच गया। सूचना पर कोतवाली प्रभारी वीरेंद्र सिंह कसाना पुलिस टीम के साथ में गांव में पहुंचे तथा पूरे मामले की जानकारी हासिल की। बाद में पुलिस ने मृतका के शव को पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। वहीं, सोमवार को पोस्टमार्टम के बाद गांव पहुंचे बालिका के शव को गमगीन माहौल में निकट स्थित कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया।

वन विभाग की टीमों ने दिनभर छानी जंगलों की खाक

तेंदुए द्वारा चार वर्षीय बालिका को अपना शिकार बनाए जाने की सूचना पर वन विभाग के अफसरों में हड़कम्प मच गया। क्षेत्रीय वन अधिकारी कृष्णकांत टीम के साथ में रात्रि में ही गांव में पहुंचे तथा तेंदुए की तलाश में सर्च अभियान चलाया। हालांकि तेंदुआ टीम के हाथ नही लगा। इसके बाद, सोमवार को टीमों ने ग्रामीणों के सहयोग से तेंदुए की तलाश में दिनभर मंडावर व आसपास के जंगलों की खाक छानी, लेकिन खूंखार तेंदुए का कोई सुराग नही लग सका। वन विभाग की ओर से तेंदुए को पकड़ने के लिए जंगल में लोहे का पिंजरा भी लगाया गया है। वन विभाग की छह सदस्यीय टीम तेंदुए की तलाश में लगातार सर्च ऑपरेशन चलाये हुई है।

पठेड़ व बसेड़ा में भी तेंदुए के देखे जाने की आई सूचनाएं

मंडावर में चार वर्षीय बालिका पर तेंदुए के हमले के बाद से क्षेत्र में दहशत का माहौल बना हुआ है। आसपास के गांवों के लोग भी तेंदुए के खौफ से सहमे हुए है। रविवार को घटना के बाद मंडावर में लाठी-डंडों से लैस ग्रामीणों ने समूह बनाकर गांव में पहरा देते हुए रात काटी। वहीं, निकटवर्ती गांव इस्सापुर खुरगान, पठेड़, बसेड़ा, दभेड़ी खुर्द, अकबरपुर सुनहेटी के ग्रामीण भी तेंदुए से भय खाए हुए है। ग्रामीण खेतों में जाने से कतरा रहे है। सोमवार को गांव पठेड़ व बसेड़ा से भी तेंदुआ देखे जाने की सूचनाएं वन विभाग के अफसरों के पास आई, जिस पर टीम ने इन जगहों पर पहुंचकर तलाशी सर्च चलाया। लेकिन कोई सफलता नही मिली।

मृतका के परिजनों को मिलेगी पांच लाख की आर्थिक सहायता

आदमखोर तेंदुए का शिकार हुई बालिका अंशा के परिजनों को शासन की ओर से दैवीय आपदा राहत कोष व अन्य मद से पांच लाख रुपये की धनराशि प्रदान की जाएगी। मृतक बालिका के परिजनों को मृत्यु प्रमाण-पत्र एवं अन्य आवश्यक दस्तावेज तैयार कराए जाने को कहा गया है। ताकि सहायता राशि प्रदान किये जाने की प्रक्रिया शुरू की जा सके। वहीं, एसडीएम कैराना स्वप्निल कुमार यादव का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के पश्चात जिला प्रशासन द्वारा मृतक बालिका के परिजनों को दैवीय आपदा राहत कोष से आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी, जिसके लिए अधीनस्थ अधिकारियों को मृतका के परिजनों के सम्पर्क में रहने को कहा गया है।

वन विभाग के लिए चुनौती भरा है आदमखोर तेंदुए को पकड़ना

कैराना क्षेत्र में तेंदुए द्वारा किसी मानव को अपना शिकार बनाए जाने का यह पहला मामला घटित हुआ है। पूर्व के वर्षों में जगनपुर क्षेत्र में भी तेंदुए के देखे जाने की खूब चर्चा चली थी, जिसमें वन विभाग की टीम को तेंदुए को पकड़ने के लिए पिंजरा आदि लगाकर काफी पसीना बहाना पड़ा था। हालांकि यहां पर तेंदुआ होने की कोई पुष्टि नही हो पाई थी। इसके अलावा, विगत कई दिनों से झिंझाना थानाक्षेत्र के गांव यूसुफपुर चौतरा और ऊदपुर में भी तेंदुआ होने की सूचना पर वन विभाग की टीमें वहां डेरा डाले हुए है। लेकिन तेंदुआ अभी तक टीमों के हत्थे नही चढ़ा है। आदमखोर हो चुके तेंदुए को पकड़ना वन विभाग के लिए किसी चुनौती से कम नही है। यदि खूंखार तेंदुए ने क्षेत्र में मानव वध का सिलसिला जारी रखा तो वन विभाग शासन से आदमखोर को मौत की नींद सुलाये जाने की अनुमति प्राप्त करने की प्रक्रिया भी शुरू कर सकता है।

इन्होंने कहा:- ‘वन विभाग की दो टीमें तेंदुए की तलाश में मंडावर व आसपास के इलाकों में निरंतर सर्च अभियान चलाये हुई है। टीमों में वन रेंजर व दारोगा समेत कुल 15 लोग शामिल है। गांव पठेड़ व बसेड़ा में भी तेंदुआ देखे जाने की सूचना प्राप्त हुई थी, जिस पर उन जगहों पर भी तलाशी अभियान चलाया गया। तेंदुए को पकड़ने के लिए मंडावर के अलावा यूसुफपुर चौतरा व ऊदपुर पर फोकस किया गया है।’-कृष्णकांत, क्षेत्रीय वन अधिकारी।