पंजाब में लोकलुभावन वादों के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में याचिका

Supreme Court sachkahoon

नयी दिल्ली l विधानसभा चुनावों से पूर्व लोकलुभावन वादों को निष्पक्ष चुनाव की जड़ें हिलाने वाला करार देते हुए इसके खिलाफ शनिवार को उच्चतम न्यायालय(Supreme Court) में एक जनहित याचिका दायर की गयी। भारतीय जनता पार्टी नेता एवं अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय की ओर से पंजाब के संदर्भ में दायर इस याचिका में दावा किया गया है कि चुनाव से पहले सार्वजनिक कोष से मुफ्त उपहारों के तर्कहीन वादों ने मतदाताओं को अनुचित रूप से प्रभावित किया है। इसने निष्पक्ष चुनाव की जड़ों को हिलाकर रख दिया है।

लिहाजा, उच्चतम न्यायालय(Supreme Court) इस मामले में चुनाव आयोग को निर्देश दे कि वह संबंधित दलों के चुनाव चिन्ह जब्त करें तथा उनका पंजीकरण रद्द कर दे। उपाध्याय ने अपनी याचिका में राजनीतिक दलों पर गलत लाभ के लिए मनमाने ढंग से या तर्कहीन वादे कर मतदाताओं को अपने पक्ष में लुभाने का आरोप लगाते हुए इसे ‘रिश्वत’ और ‘अनुचित’ रुप से प्रभावित करने के समान माना है। उपाध्याय ने याचिका में राजनीतिक दलों के इन तर्कहीन लोकलुभावन वादों को संविधान के अनुच्छेद 14, 162, 266 (3) और 282 का उल्लंघन बताया गया है।

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