मेडिकल रिसर्च के लिए फूलचन्द की मृत देह दान

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मानवताजितेन्द्र वैद्य लोगों को शरीरदान व नेत्रदान के लिए कर रहे जागरूक

हिसार(सच कहूँ न्यूज)। भले ही आज के इस भौतिकवादी युग में हर इन्सान जहां स्वार्थी होता जा रहा है। रिश्तों के मायने महज पैसे व धन प्राप्ति के लिए रह गए हैं। मगर आज भी हमारे समाज में कुछ ऐसे लोग मौजूद हैं जो समाज के ऐसे परिदृश्य में शामिल नहीं हैं। जिनके जहन में मानव हित समाज सेवा का भाव है। ऐसा ही एक परिवार नारनौंद कस्बे के जितेन्द्र वैद्य का है।

उनके 80 वर्षीय पिता फूलचन्द का निधन हो गया। उन्होंने परिवार की सहमति से अपने पिता के शरीर को मेडिकल रिसर्च के लिए महाराजा अग्रसेन मेडिकल कॉलेज आग्रोहा को डोनेट कर दिया। मानव विकास परिषद् भारत संस्था के माध्यम से उन्होंने समाज को प्रेरित करने का कार्य किया है।

मानव विकास परिषद भारत संस्था के वाईस चेयरमैन जसविन्द्र सरदार, सचिव अशोक कुमार भोला, सहसचिव नीतू मेहरा, कोषाध्यक्ष सुभाषचन्द्र पंच, प्रचार सचिव पंकज मुंडारा, अनुप राखी मुख्य सलाहाकार श्रवण कुमार सम्भ्रवाल, कुलदीप भुक्कल, सदानन्द मिर्चपुर एंव डॉ. भीम राव अम्बेडकर युवा एकता ट्रस्ट नारनौंद के सभी पदाधिकारी एंव गांव में गणमान्य व्यक्ति व रिश्तेदारों की उपस्थिति में देहादान की प्रक्रिया पूरी की गई।

2010 में 3 साल की मासूम पुत्री का कर चुके हैं शरीर दान

जितेन्द्र वैद्य सामाजिक संस्था मानव विकास परिषद् भारत के चेयरमैन हैं संस्था के माध्यम से पिछले कई सालों से समाज में लोगों को शरीर दान आंखें दान व रक्तदान के लिए जागरूक व प्रेरित करने का बीड़ा उठाए हुए हैं। उनकी इस प्रेरणा व दिशा निर्देशन से नारनौंद व आसपास के क्षेत्र के सैकड़ों लोग इस मिशन का हिस्सा बन चुके हैं।

उनके माता-पिता, पत्नी व बच्चों सहित ने सन 2010 में मरणोपरान्त देह दान करने का प्रण ले चुके हैं। जितेन्द्र वैद्य ने सन् 2010 में अपनी 3 साल की पुत्री दीक्षा भारती के शरीर को पीजीआई रोहतक में रिसर्च के लिए मरणोपरान्त दान करके एक अनोखी मिसाल कायम की शरीर दान के बाद उक्त लड़की की आंख व गुर्दे अन्य अंग जरूरतमन्दों को प्रत्यारोपित भी किये जा चुके हैं।

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