Winter Health News: अगर सर्दियों में मांसपेशियां सिकुड़ने लगती हैं, जोड़ों में जकड़न तो बस ये काम कर लो…

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Winter Health News: अगर सर्दियों में मांसपेशियां सिकुड़ने लगती हैं, जोड़ों में जकड़न तो बस ये काम कर लो...

Winter Health News: बड़ौत संदीप दहिया। सर्दियों के मौसम में तापमान गिरने के साथ ही लोगों की शारीरिक गतिविधि कम हो जाती है। ठंड के कारण लोग कम चलना-फिरना पसंद करते हैं, जिससे मांसपेशियां सिकुड़ने लगती हैं, जोड़ों में जकड़न बढ़ जाती है और दर्द की समस्या आम हो जाती है।बड़ौत नगर के प्रसिद्ध फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. कुमार प्रीतम ने सर्दियों में शरीर क़ो सक्रिय और स्वस्थ रखने के विषय में बताते हुए कहा कि फिजियोथेरेपी शरीर को स्वस्थ, सक्रिय और दर्दमुक्त बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।सर्दियों में शरीर को नजरअंदाज करना आगे चलकर गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है। ऐसे में फिजियोथेरेपी न केवल दर्द से राहत देती है, बल्कि शरीर को सक्रिय, संतुलित और स्वस्थ बनाए रखने में भी सहायक होती है। ठंड के मौसम में नियमित व्यायाम और फिजियोथेरेपी को अपनाकर बेहतर स्वास्थ्य पाया जा सकता है।

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ठंड में क्यों बढ़ती हैं मांसपेशियों और जोड़ों की समस्याएं | Winter Health News

डॉ. कुमार प्रीतम बताते हैं कि सर्दियों में रक्त संचार धीमा हो जाता है और मांसपेशियां सख्त होने लगती हैं। इसका सीधा असर जोड़ों की गतिशीलता (Range of Motion) पर पड़ता है, जिससे चलने-फिरने में परेशानी और दर्द महसूस होता है। विशेषकर बुजुर्गों, गठिया पीड़ितों और लंबे समय तक एक ही स्थिति में काम करने वाले लोगों में यह समस्या अधिक देखी जाती है।

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फिजियोथेरेपी कैसे देती है राहत

फिजियोथेरेपी के माध्यम से शरीर को फिर से सक्रिय किया जा सकता है।
थर्मोथेरेपी (गर्म सिकाई): गर्म पैक या हीटिंग पैड के उपयोग से रक्त संचार बढ़ता है, मांसपेशियों को आराम मिलता है और दर्द में कमी आती है।
स्ट्रेचिंग और व्यायाम: फिजियोथेरेपिस्ट द्वारा बताए गए विशेष स्ट्रेचिंग व मोबिलिटी एक्सरसाइज मांसपेशियों के लचीलेपन को बढ़ाते हैं और जोड़ों की जकड़न कम करते हैं।
रक्त संचार में सुधार: नियमित फिजियोथेरेपी से ठंड के कारण सिकुड़ी नसें खुलती हैं, जिससे अंगों तक रक्त का प्रवाह बेहतर होता है।

व्यक्तिगत योजना से बेहतर परिणाम

डॉ. कुमार प्रीतम के अनुसार हर व्यक्ति की समस्या अलग होती है, इसलिए फिजियोथेरेपी में व्यक्तिगत उपचार योजना (Personalized Plan) बहुत जरूरी है। मरीज की उम्र, दर्द की स्थिति और शारीरिक क्षमता के अनुसार तैयार की गई योजना अधिक प्रभावी परिणाम देती है।