प्रधानमंत्री मोदी ने हिमाचल प्रदेश को दी बड़ी सौगात, बिलासपुर एम्स का किया उद्घाटन, जानें सुविधाएं

बिलासपुर (हिमाचल प्रदेश) (सच कहूँ न्यूज)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को विजयदशमी के पावन पर्व पर हिमाचल प्रदेश के लोगों को बधाई देते हुए यहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) का उद्घाटन किया और 3650 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की आधारशिला रखी। मोदी के साथ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर, मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर और भाजपा के कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे। इस मौके पर बड़ी संख्या में लोग भी उपस्थित थे। प्रधानमंत्री का बिलासपुर पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया। राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आरलेकर ने उनकी आगवानी की। इस मौके पर नड्डा, अनुराग ठाकुर, मुख्यमंत्री और अनेक गणमान्य लोग मौजूद थे। मोदी ने 25 सितम्बर को भारतीय जनता युवा मोर्चा की मंडी में एक रैली को सम्बोधित किया था। खराब मौसम की वजह से वह यहां नहीं आ सके थे और उन्होंने दिल्ली से इस रैली को वर्चुअल मोड से सम्बोधित किया था।

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सुविधाएं :

  • मोदी ने आज एम्स बिलासपुर का उद्घाटन किया जिसे 1470 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है।
  • इस अस्पताल में 18 स्पेशयलिटी और 17 सुपर स्पेशयलिटी विभाग के साथ 18 आधुनिक ऑपरेशन थिएटर है।
  • 64 आईसीयू बिस्तरों के साथ 750 बिस्तर हैं। एम्स बिलासपुर 247 एकड़ से ज्यादा भूमि पर फैला है।
  • जिसमें 24 घंटे आपातकालीन और डायलिसिस, अल्ट्रासोनोग्राफी जैसी नवीनतम डाइग्नोस्टिक मशीनें, सीटी स्कैन, एमआरआई जैसी सुविधाएं हैं।
  • अस्पताल में अमृत फामेर्सी एवं जन औषधि केंद्र और 30 बिस्तर वाला आयुष खंड है।
  • अस्पताल ने राज्य में जनजातीय और दूर-दराज के इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने के लिए डिजिटल स्वास्थ्य केंद्र भी स्थापित किए हैं।

नौकरी के अवसर प्रदान करने में होगा मददगार

अस्पताल अन्य सुविधाओं के साथ दूरस्थ जनजातीय और ऊंचे हिमालयी इलाकों में विशेष स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने के लिए शिविर भी लगाएगा। इसमें हर वर्ष एमबीबीएस पाठ्यक्रम के लिए 100 विद्यार्थी और नर्सिंग पाठ्यक्रम के लिए 60 विद्यार्थी भर्ती होंगे। मोदी ने बिलासपुर के बांदला में गवर्नमेंट हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज का भी उद्घाटन किया। कॉलेज निर्माण पर 140 करोड़ रुपये की लागत आयी है। कॉलेज में जल विद्युत परियोजनाओं के लिए विशेषज्ञ तैयार किये जायेंगे जिसका सर्वाधिक लाभ हिमाचल प्रदेश को मिलेगा। यह युवाओं के कौशल को बढ़ाने और इस क्षेत्र में नौकरी के अवसर प्रदान करने में मददगार होगा।

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