Atmanirbhar Bharat:बेगूसराय (बिहार)। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) (Pradhan Mantri Employment Generation Program) बिहार के बेगूसराय ज़िले में स्थानीय लोगों के लिए आशा की किरण बनकर उभरा है। इस योजना के माध्यम से जहाँ लोगों को स्वयं का व्यवसाय प्रारंभ करने का अवसर मिल रहा है, वहीं वे अन्य लोगों को भी रोजगार प्रदान कर रहे हैं। इस योजना का मूल उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों, कस्बों और छोटे नगरों में सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों को प्रोत्साहित करना है। बेगूसराय में कई लाभार्थियों ने इस योजना का लाभ उठाकर आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाया है। PMEGP Scheme
कैसे सफल हुआ सिहमा गांव का अमित कुमार | PMEGP Scheme
ज़िला मुख्यालय से लगभग पाँच किलोमीटर दूर स्थित सिहमा गांव के निवासी अमित कुमार पहले खेती-बाड़ी से जुड़े थे। वर्ष 2021 में उन्हें पीएमईजीपी योजना की जानकारी मिली। उन्होंने यूको बैंक से संपर्क कर योजना के अंतर्गत 15 लाख रुपये का ऋण प्राप्त किया। इस राशि से उन्होंने अपने घर पर बल्क मिल्क कूलिंग यूनिट (बीएमसीयू) संयंत्र स्थापित किया और दुग्ध उत्पादों के व्यवसाय की शुरुआत की।
आज अमित प्रतिदिन 1000 से 1500 लीटर दूध एकत्र करते हैं, जिससे पनीर, दही, गुलाब जामुन आदि बनाकर आस-पास के बाजारों में विक्रय करते हैं। उनके साथ अब 10 से 12 स्थानीय युवक कार्यरत हैं। अमित बताते हैं कि पहले वे केवल खेती करते थे और स्वयं ही अपनी जीविका चलाते थे, परंतु अब वे दूसरों के लिए भी रोज़गार का साधन बन गए हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री और सरकार के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि इस योजना से न केवल उनकी आमदनी बढ़ी है, बल्कि कई परिवारों को सम्मानजनक जीवन भी मिल रहा है।
क्या कहना है स्थानीय लोगों ?
गांव के ही निवासी राघव कुमार का कहना है कि अमित अब युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बन चुके हैं। ‘श्वेत शक्ति’ नामक उनके दुग्ध उत्पाद ब्रांड ने न केवल गांव में बल्कि आसपास के क्षेत्रों में भी पहचान बना ली है। बेरोजगारों के लिए वे मार्गदर्शक की भूमिका निभा रहे हैं। PMEGP Scheme
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