राष्ट्रपति चुनाव : 10 राज्यों की मतगणना में द्रौपदी मुर्मू को 809 वोट, यशवंत सिन्हा को 329 वोट मिले : द्रौपदी मुर्मू की जीत तय!

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नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)।  राष्ट्रपति चुनाव में हो रही मतगणना के पहले दौर के बाद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू आगे चल रही हैं। 10 राज्यों की मतगणना में द्रौपदी मुर्मू को 809 वोट, यशवंत सिन्हा को 329 वोट मिले। संसद भवन में गुरुवार सुबह शुरू हुई मतगणना के पहले दौर में सभी सांसदों के मतों की गिनती की गयी । चुनाव के लिए नियुक्त निर्वाचन अधिकारी और राज्यसभा के महासचिव पी सी मोदी ने बताया कि10 राज्यों की मतगणना में श्रीमती मुर्मू को 809 मत मिले जबकि सिन्हा को 329 मत मिले हैं।

द्रौपदी मुर्मू और विपक्ष के साझा उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के बीच सीधा मुकाबला

राष्ट्रपति चुनाव में 99 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने वोट डाले थे। निर्वाचन आयोग के अनुसार इस बार राष्ट्रपति चुनाव में कुल 4796 मतदाता थे, जिनमें से 99 प्रतिशत ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। ग्यारह राज्यों और केन्द्र शासित पुड्डुचेरी में शत-प्रतिशत मतदान हुआ। राष्ट्रपति चुनाव के लिए दिल्ली और पुड्डुचेरी समेत 30 जगहों पर मतदान कराया गया। इस चुनाव में राज्य सभा और लोकसभा के सदस्यों के अलावा राज्यों और विधानसभा वाले केन्द्रशासित प्रदेशों की विधानसभाओं के निर्वाचित प्रतिनिधियों को मताधिकार प्राप्त था।

कौन है द्रौपदी मुर्मू

द्रौपदी मुर्मू नाम देश की पहली आदिवासी महिला गवर्नर का तमगा भी है। 2015-2021 के बीच वह झारखंड की गवर्नर रही हैं। 20 जून 1958 में जन्‍मीं मुर्मू की पढ़ाई-लिखाई भुवनेश्‍वर के रमादेवी वुमेंस कॉलेज से हुई है। वह स्‍नातक हैं। उनके पति श्‍याम चरण मुर्मू इस दुनिया में नहीं हैं। उनके एक बेटी है। उसका नाम इतिश्री मुर्मू है। इतिश्री का विवाह हो चुका है। 2013 से 2015 तक मुर्मू बीजेपी की एस.टी. मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य रहीं। 2010 में उन्‍होंने मयूरभंज (पश्चिम) से बीजेपी की जिला अध्यक्ष की कमान संभाली। उन्‍हें 2007 में सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए ‘नीलकंठ पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था। 2006-2009 के बीच वह बीजेपी की एस.टी. मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष रहीं। 2004-2009 के बीच द्रौपदी मुर्मू ओडिशा के रायरंगपुर से विधानसभा सदस्य थीं। 2002-2009 के बीच मुर्मू ने बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य के तौर पर एस.टी. मोर्चा की जिम्‍मेदारी संभाली। 2000-2004 के बीच वह ओडिशा सरकार में परिवहन और वाणिज्य विभाग की मंत्री रही हैं। 2002-2004 के बीच उन्‍होंने ओडिशा सरकर के पशुपालन विभाग की जिम्‍मेदारी संभाली। 1997 में वह पार्षद बनीं और रायरंगपुर की वाइस-चेयरपर्सन न‍ियुक्‍त की गईं।

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