समर्थन मूल्य के मुकाबले निजी कंपनियां 15 से 20 रुपये प्रति क्विंटल अधिक रेट पर खरीद रही गेहूं

Wheat Rate sachkahoon

सरसा (सच कहूँ न्यूज)। अनाज मंडी व खरीद केंद्रों पर गेहूं की आवक तेजी से बढ़ रही है। मंडियों में सुबह से ही ट्रैक्टर ट्रालियां पहुंचनी शुरू हो जाती है। इसी के साथ समर्थन मूल्य के मुकाबले निजी कंपनियां 15 से 20 रुपये प्रति क्विंटल अधिक रेट दे रही है। इससे कई किसान सीधे तौर पर गेहूं बेच रहे हैं। व्यापारी सीधे अपने गोदामों में गेहूं डलवा रहे हैं। गेहूं में नमी भी नहीं नापी जा रही है।

जबकि अनाज में नमी अधिक होने पर खरीद नहीं की जा रही है। खेतों से गेहूं निकालने के बाद किसान सीधे ट्रैक्टर ट्राली में भरकर मंडी में ला रहे हैं। इससे उपज में नमी ज्यादा आ रही है। नमी ज्यादा होने पर खरीद एजेंसियों द्वारा गेहूं खरीद नहीं जा रही। इससे गेहूं की मंडी में ढेरियां की जा रही है। गेहूं की उपज में 12 प्रतिशत से कम नमी होनी चाहिए। इसके बाद ही एजेंसी खरीद करती है। मार्केट कमेटी सचिव विरेंद्र सिंह ने कहा कि मंडी में गेहूं की खरीद शुरू हो गई। पिछले दो दिनों में प्राइवेट एजेंसी सीधे तौर पर गेहूं की खरीद कर रही थी।

गेहूं खरीदने के बाद मार्केट कमेटी में फीस भी नहीं भरी गई। इसको लेकर मार्केट कमेटी के अधिकारियों ने संज्ञान लिया जिसके बाद मंडी में ही गेहूं उतरनी शुरू हो गई। मार्केट कमेटी सचिव विरेंद्र सिंह ने कहा कि मंडी में टोकन लेना जरूरी है। इसी के साथ मार्केट कमेटी की रसीद कटने के बाद ही खरीद कार्य होगा। अगर कोई बिना मार्केट फीस गेहूं की खरीद करता है उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

बेसहारा पशुओं से किसान दु:खी

अनाज मंडी में दिनभर बेसहारा पशुओं का जमावड़ा लग रहा है। मंडी का गेट नहीं होने पर दिनभर पशु घूमते रहे हैं। वहीं किसानों के अनाज को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं। किसान रामसिंह, दुनीराम व बसंत सिंह ने बताया कि मंडी में पहले से सभी व्यवस्था होनी चाहिए। मगर अभी तक यहां पर व्यवस्था नजर नहीं आ रही है। मंडी में बेसहारा पशु किसानों की गेहूं की ढेरियों में मुंह मार रहे हैं। जब उनको हटाने की कोशिश करते हैं तो मारने को दौड़ते हैं।

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