Punjab Govt Bus Strike: पीआरटीसी व पनबस कर्मचारियों ने निजीकरण के विरोध में हड़ताल की दी चेतावनी

Patiala News
Punjab Bus Strike: File Photo

चंडीगढ़। पंजाब राज्य रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेट (पीआरटीसी) तथा पनबस कर्मियों ने 23 अक्टूबर को पंजाबभर में चक्का जाम करने का ऐलान किया है। कर्मचारी संगठनों का आरोप है कि राज्य सरकार उनके हित की उपेक्षा कर रही है और पीआरटीसी एवं पनबस के निजीकरण संबंधी कदम उठाए जा रहे हैं, जिस पर वे तीव्र विरोध दर्ज करा रहे हैं। Punjab Govt Bus Strike News

कर्मचारी संघों के नेतृत्वकर्ता एवं पनबस यूनियन के अध्यक्ष रेशम सिंह गिल ने कहा कि वर्तमान आम आदमी पार्टी सरकार ने निजीकरण बंद करने का वादा कर सत्ता में प्रवेश किया था, परंतु अब वे वही नीतियाँ अपना रही हैं जो सरकारी परिवहन सेवा को कमजोर कर देगी और कॉर्पोरेट हितों को बढ़ावा देगी। उनका कहना है कि यदि सरकार पीआरटीसी-पनबस के निजीकरण के लिए टेंडर जारी करती है तो सार्वजनिक संपत्ति और सार्वजनिक हित दोनों को भारी नुक़सान होगा।

क्या है कर्मचारियों का विरोध कारण | Punjab Govt Bus Strike News

कर्मचारियों का कहना है कि टेंडरों के खुलने के बाद प्राइवेट ऑपरेटर कुछ वर्षों में बसों का पूरा वित्त लेकर व्यवस्थित तरीके से सार्वजनिक सेवा पर कब्जा कर लेंगे। वे आशंका जताते हैं कि निजीकरण के कारण सेवाओं की गुणवत्ता व कर्मचारियों की नौकरियों पर संकट आएगा और सार्वजनिक विकलांग वर्ग व गरीब यात्रियों को वृद्धि हुई किराए व घटती सेवा का सामना करना पड़ेगा। कर्मचारियों ने सैलरी भुगतान में लगातार देरी तथा वेतन संबंधी अन्य समस्याओं का भी उल्लेख किया। कई कर्मियों ने बताया कि उन्हें महीना पूरा होने पर भी वेतन समय पर नहीं मिलता और उत्सवों के समय कठिनाई का सामना करना पड़ा है।

कर्मचारियों की मांगें और चेतावनी | Punjab Govt Bus Strike News

कर्मचारी संगठनों ने मांग की है कि सरकार तुरंत निजीकरण की प्रक्रिया रोक दे, बकाया वेतन समय पर जारी किया जाए तथा पीआरटीसी-पनबस के पुनरुद्धार के लिए ठोस नीति बनाई जाए। रेशम सिंह गिल ने कहा कि यदि उनकी माँगें नहीं मानीं तो 23 अक्टूबर के चक्का जाम के साथ-साथ वे तरनतारन चुनाव क्षेत्र में जनसमर्थन जुटाकर राजनीतिक चेतावनी भी देंगे। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि कर्मचारियों का योगदान सत्ता दिलवाने में रहा है और अब वे उसी शक्ति का प्रयोग सरकार को जवाबदेह बनाने के लिए करेंगे।

सरकारी नोट: (यदि लागू हो) (अभी तक सरकार की ओर से आधिकारिक प्रतिक्रिया सार्वजनिक नहीं की गई है।)