टीओआरएस तकनीकी के केंसर के इलाज में अत्यंत सहायक- सुरेंद्र डबास

Baraut News
विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर मेडिसिटी अस्पताल में जन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

वर्ल्ड नो तंबाकू दिवस पर मैक्स अस्पताल शालीमार बाग ने मेडिसिटी अस्पताल में किया जन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन।

बड़ौत (सच कहूँ/सन्दीप दहिया)। आज भारत देश (India Country) में मुंह का कैंसर (ओरल कैंसर) काफी व्यापक स्तर पर फैलता जा रहा है। ओरल कैंसर से होने वाली मौतों और बीमारियों के मामले में भारत का विश्व में दूसरा नंबर है। ओरल कैंसर के तमाम पहलुओं को लेकर मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल शालीमार बाग नई दिल्ली ने मंगलवार को बड़ौत में एक जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया। इसके साथ ही यहां ओरल कैंसर से जुड़ा एक हेल्थ कैम्प भी आयोजित किया गया। ये कैंप बड़ौत मेडिसिटी हॉस्पिटल में था, जहां पर शहरी एवं ग्रामीण इलाके के 100 से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया।

इसको लेकर मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल (Max Super Speciality Hospital) शालीमार बाग में रेडिएशन ऑन्कोलॉजी के डायरेक्टर डॉक्टर राजेंद्र कुमार, पल्मोनोलॉजी एंड स्लीप मेडिसिन के सीनियर डायरेक्टर व एचओडी डॉक्टर इंद्र मोहन चुग, हेड एंड नेक कैंसर स्पेशलिस्ट डॉक्टर रंजीत सिंह पढ़ियारी मौजूद रहे. इनके अलावा बड़ौत के मेडिसिटी हॉस्पिटल से मेडिकल डायरेक्टर डॉक्टर मनीष तोमर, मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉक्टर आशीष चौधरी और डॉक्टर खुर्शीद उपस्थित रहे। इन सभी डॉक्टरों ने तंबाकू के सेवन और स्वास्थ्य पर उसके घातक असर के बारे में लोगों को जागरूक किया। मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल शालीमार बाग में सर्जिकल ऑन्कोलॉजी एंड रोबोटिक्स के सीनियर डायरेक्टर व एचओडी डॉक्टर सुरेंद्र डबास ने इस मौके पर बताया कि ’तकनीक में काफी तरक्की हुई है जिसकी मदद से रोबोटिक सर्जरी की जा रही हैं।

हेड, नेक व ओरल कैंसर (Oral Cancer) के मामलों में ऐसी सर्जरी काफी असरदार साबित हो रही हैं, जो पूरी तरह से स्कारलेस होती हैं। जीभ, गला, मुंह, स्वरयंत्र, ग्रसनी और सिर व गर्दन समेत अन्य जगह के कैंसर को ठीक करने के लिए ट्रांस-ओरल रोबोटिक सर्जरी की जा रही है। टीओआरएस ने सिर और गर्दन के कैंसर के रोगियों के इलाज के तरीके में काफी सुधार किया है। इसमें बोलने की क्षमता भी पूरी तरह सुरक्षित रहती है और ट्यूमर को भी पूरी तरह से हटा दिया जाता है। निगलने की क्षमता भी सही रहती है। ये सर्जरी बिना किसी बड़े निशान के होती है और इसमें मरीज की जल्दी और बेहतर रिकवरी होती है।

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