कांग्रेस पार्टी ने सदन के अंदर किया जोरदार हंगामा, सत्ताधारी और कांग्रेस आमने-सामने
सुखपाल खैहरा ने सदन की कार्रवाई में डाला व्यवधान, स्पीकर ने किया निलंबित
चंडीगढ़ (सच कहूँ/अश्वनी चावला)। Punjab Assembly Session: केन्द्र सरकार द्वारा पारित वीबी ‘जी राम जी’ एक्ट के विरोध में बुलाए गए एक दिवसीय विशेष सत्र के दौरान पंजाब विधानसभा में जबरदस्त हंगामा हुआ। हंगामे के दौरान कांग्रेस और सत्ताधारी दल के विधायक न केवल आपस में भिड़ गए, बल्कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के भाषण के दौरान भी व्यवधान डाला गया। इस दौरान कांग्रेस विधायक सुखपाल खैहरा ने बोलने के लिए समय न मिलने पर हंगामा शुरू कर दिया। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने उन्हें कई बार बैठने के लिए कहा। इसके बाद स्पीकर कुलतार संधवां ने भी सुखपाल खैहरा को बैठने का निर्देश दिया, लेकिन वे अपनी सीट पर खड़े होकर लगातार शोर-शराबा करते रहे।
इस पर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि इस शोरगुल में वे अपना भाषण कैसे दे सकते हैं, इसलिए सुखपाल खैहरा को सदन से बाहर किया जाए। इसके बाद स्पीकर कुलतार संधवां ने एक बार फिर सुखपाल खैहरा को बैठने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने आदेश मानने से इनकार कर दिया। इस पर स्पीकर ने सुखपाल खैहरा को सदन की कार्रवाई से निलंबित करते हुए सदन से बाहर करने के आदेश जारी कर दिए। इसके बाद सदन में तैनात मार्शलों ने सुखपाल खैहरा को बाहर कर दिया। इसके बावजूद कांग्रेस के अन्य विधायकों ने हंगामा जारी रखा और मांग की कि सुखपाल खैहरा को बाहर न किया जाए। Punjab Assembly
इस पर स्पीकर कुलतार संधवां ने स्पष्ट कहा कि अब वे निलंबित हो चुके हैं और वापस नहीं आ सकते, इसलिए सभी विधायक बैठकर सदन की कार्रवाई में भाग लें। इससे पहले भी सदन में कई बार ऐसे मौके आए, जब बहस के दौरान सत्ताधारी दल के विधायकों द्वारा बोले गए शब्दों पर कांग्रेस और भाजपा विधायकों ने आपत्ति जताते हुए कार्रवाई रोकने की कोशिश की, लेकिन स्पीकर कुलतार संधवां ने सदन की कार्रवाई को सुचारु रूप से चलाए रखा।
10 लाख चिट्ठियां लेकर पहुंचे ‘आप’ विधायक, भगवंत मान बोले: केन्द्र को मत भेज देना | Punjab Assembly
मनरेगा से वीबी ‘जी राम जी’ में बदलाव करने वाले एक्ट के खिलाफ आम आदमी पार्टी के विधायकों ने अपने-अपने हलकों में मजदूरों से चिट्ठियों पर हस्ताक्षर करवाए थे। इन चिट्ठियों में मजदूरों ने लिखा कि इस नए एक्ट से उनके घरों के चूल्हे ठंडे पड़ जाएंगे। इन चिट्ठियों को वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा और अन्य विधायकों ने सदन में रखा और स्पीकर कुलतार संधवां से मांग की कि देश के प्रधानमंत्री और केन्द्र सरकार तक पंजाब के मजदूरों की मांग अवश्य पहुंचाई जाए। इस पर स्पीकर कुलतार संधवां ने घोषणा की कि विधानसभा के माध्यम से ये चिट्ठियां केन्द्र सरकार को भेज दी जाएंगी।
हालांकि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अपने भाषण के दौरान इन चिट्ठियों को केन्द्र सरकार को भेजने से रोकने की बात कहते हुए टिप्पणी की कि भाजपा पहले ही अपने विरोधियों की वोटें कटवाती रहती है। अगर ये चिट्ठियां उनके पास पहुंच गईं, तो एक्ट पर बाद में विचार करने से पहले ही चिट्ठियों में लिखे नामों कंी सूची बनाकर उनकी वोट कटवाने के आदेश दे दिए जाएंगे, क्योंकि उन्हें पता है कि ये लोग विरोध में खड़े हैं और उन्हें वोट नहीं देने वाले, इसलिए उनकी वोट ही काट दी जाए।
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