‘इंटर-स्टेट माइनिंग ट्रक एंट्री फीस पॉलिसी’ से मजबूत होगी पंजाब की सीमाएं, पारदर्शिता और पर्यावरण संरक्षण का बनेगा नया मॉडल

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Chandigarh News: ‘इंटर-स्टेट माइनिंग ट्रक एंट्री फीस पॉलिसी’ से मजबूत होगी पंजाब की सीमाएं, पारदर्शिता और पर्यावरण संरक्षण का बनेगा नया मॉडल

चंडीगढ़ (सच कहूँ न्यूज़)।  पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) के नेतृत्व में राज्य सरकार ने एक दूरदर्शी और ऐतिहासिक निर्णय लिया है। मंत्रिमंडल ने अक्टूबर 2025 के मध्य में पंजाब माइनर मिनरल रूल्स, 2013 में संशोधन को मंजूरी दी है, जिसके तहत अब राज्य में आने वाले खनिज-वाहक वाहनों पर एंट्री फीस लगाई जाएगी। यह फीस उन ट्रकों और वाहनों पर लागू होगी जो दूसरे राज्यों से रेत, बजरी और अन्य समान खनिजों को पंजाब में लेकर आते हैं। यह कदम न केवल अवैध खनन पर अंकुश लगाएगा बल्कि राज्य की आर्थिक स्थिति को भी मज़बूती प्रदान करेगा। Chandigarh News

पंजाब सरकार का यह फैसला राजस्व हानि को रोकने और स्थानीय खनन उद्योग को सुरक्षा देने की दिशा में एक बड़ा कदम है। लंबे समय से पंजाब के सीमावर्ती इलाकों से सैकड़ों ट्रक हिमाचल, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर जैसे राज्यों से खनिज लेकर पंजाब में बिना किसी वैध शुल्क के प्रवेश कर रहे थे। इससे न केवल पंजाब सरकार के राजस्व को नुकसान पहुंचता था, बल्कि स्थानीय खदान संचालकों और क्रशिंग यूनिट्स को भी आर्थिक संकट का सामना करना पड़ता था। अब मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार ने स्पष्ट संदेश दिया है कि अवैध खनन और चोरी का युग खत्म होने जा रहा है।

इस नीति का मुख्य उद्देश्य राज्य की सीमाओं पर स्थापित चेक-पोस्ट्स को मज़बूत और आधुनिक बनाना है। इस एंट्री फीस से प्राप्त धनराशि का उपयोग चेक-पोस्ट्स के संचालन, निगरानी और रखरखाव पर किया जाएगा। सरकार अत्याधुनिक तकनीक जैसे ANPR (ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन) कैमरे, क्यूआर-कोड वाहन पास और डिजिटल मॉनिटरिंग सिस्टम लागू करने जा रही है, जिससे हर वाहन की आवाजाही पूरी तरह पारदर्शी और ट्रेस की जा सकेगी। इससे खनिज परिवहन प्रणाली पहले से कहीं अधिक सशक्त, कुशल और जवाबदेह बनेगी।

पंजाब सरकार ने इस नीति में पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित की है। प्रत्येक वाहन को एंट्री फीस जमा करने पर डिजिटल रसीद (कन्फर्मेशन रिसीट) दी जाएगी, जिससे किसी भी तरह की गड़बड़ी या भ्रष्टाचार की संभावना समाप्त हो जाएगी। इस प्रकार, मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार एक ऐसा प्रशासनिक मॉडल तैयार कर रही है जिसमें तकनीक के माध्यम से जनता के हितों की रक्षा और ईमानदार कारोबारियों को प्रोत्साहन मिले। Chandigarh News

राज्य सरकार का यह निर्णय केवल अवैध खनन रोकने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह राज्य के विकास और पर्यावरण संरक्षण दोनों के लिए उपयोगी सिद्ध होगा। अवैध खनन से जहां प्राकृतिक संसाधनों का अंधाधुंध दोहन होता था, वहीं अब यह नीति उस प्रवृत्ति को नियंत्रित करेगी। साथ ही, एंट्री फीस से प्राप्त राजस्व का उपयोग सड़क सुधार, पर्यावरणीय परियोजनाओं और ग्रामीण बुनियादी ढांचे में किया जाएगा, जिससे पंजाब के विकास को नई गति मिलेगी।

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सदैव पारदर्शिता और ईमानदारी पर आधारित शासन की वकालत की है। खनन क्षेत्र में इस तरह का सुधार न केवल प्रशासनिक सुधार का उदाहरण है, बल्कि यह दर्शाता है कि मान सरकार जनहित में कठिन लेकिन आवश्यक निर्णय लेने से नहीं हिचकती। राज्य सरकार का यह कदम उन व्यापारियों और मजदूरों के लिए भी राहत लेकर आया है जो वैध खनन गतिविधियों में लगे हैं और वर्षों से अनुचित प्रतिस्पर्धा का सामना कर रहे थे।

यह कहा जा सकता है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान की यह नई ‘इंटर-स्टेट माइनिंग ट्रक एंट्री फीस पॉलिसी’ पंजाब की खनन व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी। यह नीति न केवल राज्य के खनिज संसाधनों की रक्षा करेगी, बल्कि स्थानीय उद्योगों, मजदूरों और पर्यावरण—तीनों के हित में काम करेगी। पंजाब सरकार का यह कदम इस बात का प्रमाण है कि अब राज्य में शासन का नया युग शुरू हो चुका है — पारदर्शिता, जवाबदेही और ईमानदारी का युग।

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