Punjab Flood: अमृतसर। पंजाब में बाढ़ की त्रासदी लगातार गहराती जा रही है। भारी बारिश और नदियों के उफान के कारण कई ज़िले गंभीर संकट से जूझ रहे हैं। खेत-खलिहान जलमग्न हो चुके हैं, घरों को नुकसान पहुँचा है और सैकड़ों परिवार बेघर होकर राहत शिविरों में शरण लेने को मजबूर हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि बाढ़ केवल प्राकृतिक कारणों से नहीं, बल्कि समय रहते आवश्यक कदम न उठाने के कारण और भी विकराल हो गई। नदियों के किनारे मजबूत बाँधों और निकासी तंत्र की कमी ने हालात को और बिगाड़ दिया। Punjab News
कृषि क्षेत्र को सबसे अधिक नुकसान हुआ है। हजारों एकड़ जमीन पर खड़ी फसलें बर्बाद हो चुकी हैं। किसानों का कहना है कि इस आपदा ने उनकी सालभर की मेहनत पर पानी फेर दिया। पशुपालकों को भी भारी क्षति उठानी पड़ी है, क्योंकि बाढ़ में कई मवेशी बह गए या बीमार पड़ गए।
राहत और बचाव कार्य जारी है, लेकिन प्रभावित लोग शिकायत कर रहे हैं कि प्रशासनिक मदद बहुत सीमित है। कई जगहों पर ग्रामीण और स्वयंसेवी संगठन ही नावों और ट्रैक्टरों की मदद से फंसे लोगों को निकाल रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि बाढ़ नियंत्रण की स्थायी योजनाएँ समय पर लागू की जातीं, तो नुकसान की तीव्रता कम हो सकती थी। अब जरूरत है कि प्रभावित परिवारों को त्वरित मुआवज़ा दिया जाए और भविष्य में इस तरह की आपदाओं से बचाव के लिए दीर्घकालिक रणनीति बनाई जाए। Punjab News