विकास कार्यों और प्रशासनिक खर्चों के लिए नहीं है पर्याप्त धन, सरकार ने फिर लिया कर्ज का सहारा
- नया कर्ज 21 वर्षों के लिए, 2046 तक करनी होगी अदायगी, सरकार के दावों पर उठे सवाल
चंडीगढ़ (सच कहूँ/अश्वनी चावला)। Chandigarh News: पंजाब की आर्थिक स्थिति एक बार फिर कर्ज के बढ़ते दबाव की ओर संकेत कर रही है। राज्य सरकार ने हाल ही में एक हजार करोड़ रुपये का नया कर्ज उठाया है, जो 21 वर्षों की अवधि के लिए लिया गया है। यह राशि वर्ष 2046 तक चरणबद्ध तरीके से चुकाई जाएगी। सरकार के खजाने में फिलहाल इतनी राशि उपलब्ध नहीं है कि वह अपने वादों अथवा विकास कार्यों को सही तरीके से संचालित कर सके, जिसके चलते उसे एक बार फिर बाहरी ऋण पर निर्भर होना पड़ा है। Chandigarh News
वित्त विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह कर्ज ओपन मार्केट में राज्य सरकार द्वारा जारी स्टॉक बांड्स के माध्यम से लिया गया है। बांड्स की नीलामी खुले बाजार में की गई, जिसमें न्यूनतम ब्याज दर देने वाले बैंकों को प्राथमिकता दी गई। सरकार ने पहले से ब्याज दर तय करने के बजाय इसे बाजार की प्रतिस्पर्धा पर छोड़ दिया। इस प्रक्रिया के तहत 28 मई को निविदा की अंतिम तिथि तय की गई थी, और उसी दिन यह कर्ज राज्य सरकार द्वारा उठा लिया गया।
पहले से पंजाब पर चार लाख करोड़ का कर्ज | Chandigarh News
विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रकार की ऋण प्रणाली अल्पकालिक राहत तो देती है, लेकिन दीर्घकाल में इससे राज्य पर वित्तीय बोझ बढ़ता चला जाता है। वर्तमान में पंजाब सरकार पर पहले से ही लगभग 4 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है। ऐसे में नए ऋण की यह किश्त भविष्य की सरकारों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकती है।
सरकार ने किया था कर्ज मुक्त का वायदा
गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी ने सत्ता में आने से पूर्व वादा किया था कि वह पंजाब को कर्ज मुक्त बनाने के लिए ठोस कदम उठाएगी और किसी भी स्थिति में नया कर्ज नहीं लिया जाएगा। हालांकि, सत्ता में आने के बाद इन वादों के उलट हर वर्ष कर्ज में वृद्धि देखी जा रही है। Chandigarh News
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