डिस्ट्रीब्यूटेड डिनायल ऑफ सर्विस जैसे खतरों पर केंद्रित शोध को मिली अंतरराष्ट्रीय मान्यता
पटियाला (सच कहूँ/खुशवीर तूर)। Punjabi University News:पंजाबी यूनिवर्सिटी के एक नवीनतम शोध अध्ययन के माध्यम से डिजिटल युग की सबसे बड़ी चुनौती- क्लाउड आधारित और डिजिटल नेटवर्कों पर होने वाले साइबर हमलों- का समाधान खोजने हेतु एक तकनीक विकसित की गई है। यह शोध यूनिवर्सिटी के कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग में शोधार्थी डॉ. जसमीन कौर चाहल द्वारा, डॉ. अभिनव भंडारी के निर्देशन और सह-निगरानी डॉ. सन्नी बहल (एसबीएसएसटीयू, फिरोजपुर) की देखरेख में किया गया। Patiala News
इस शोध के परिणाम 12.7 इम्पैक्ट फैक्टर वाले एससीआई इंडेक्स जर्नल में प्रकाशित हुए हैं, जिससे इसे अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त हुई है। निगरानीकर्ता डॉ. अभिनव भंडारी ने बताया कि यह शोध कार्य डिस्ट्रीब्यूटेड डिनायल आॅफ सर्विस और अन्य साइबर खतरों के विरुद्ध सुरक्षा को मजबूत करने पर केंद्रित है, जो सरकारों, उद्योगों और व्यक्तियों के लिए गंभीर खतरा बन सकते हैं। डॉ. भंडारी ने बताया कि यह शोध लचीले डिजिटल ढांचे के क्षेत्र में योगदान देते हुए एक मजबूत मॉडल प्रस्तुत करता है। यह तकनीक डिजिटल भरोसे को बढ़ाती है।
शोधार्थी डॉ. जसमीन कौर चाहल ने बताया कि यह विकसित तकनीक विभिन्न क्षेत्रों के लिए लाभकारी है। उन्होंने कहा कि जहां यह उद्योगों के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म और सेवाओं की सुरक्षा तथा वित्तीय नुकसान को रोकने में सहायक है, वहीं सरकारों के लिए यह राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा को सुदृढ़ करने में मददगार हो सकती है। सह-निगरानीकर्ता डॉ. सन्नी बहल ने कहा कि यह अध्ययन अकादमिक शोध क्षेत्र और वास्तविक दुनिया की साइबर सुरक्षा समस्याओं के बीच की खाई को पाटने का कार्य करता है। उन्होंने कहा कि इस विकसित तकनीक में वैश्विक स्तर पर डिजिटल सुरक्षा में योगदान देने की अपार संभावनाएं हैं। Patiala News
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