Putin India Visit: पुतिन के भारत दौरे से डिफेंस सेक्टर में हलचल तेज, दुश्मन देशों की बौखलाहट बढ़ी

Putin India Visit: नई दिल्ली। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत आगमन और 23वें भारत–रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के दौरान रक्षा क्षेत्र से जुड़े स्टॉक्स पर निवेशकों की विशेष नज़र रहने की संभावना है। पुतिन का दो दिवसीय राजकीय दौरा 4 दिसंबर से आरंभ होगा, जिसके तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनकी महत्वपूर्ण वार्ता प्रस्तावित है। दोनों नेताओं के बीच व्यापार, रक्षा सहयोग और रणनीतिक द्विपक्षीय संबंधों को सुदृढ़ करने से जुड़े मुद्दों पर विस्तार से चर्चा मानी जा रही है। India News

बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, निवेशक भारत–रूस रक्षा साझेदारी से जुड़े संभावित समझौतों, उन्नत मिसाइल रक्षा प्रणाली और लड़ाकू विमानों से संबंधित किसी भी बड़ी घोषणा पर विशेष ध्यान देंगे। यह माना जा रहा है कि बैठक के परिणाम रक्षा क्षेत्र की कंपनियों, विशेष रूप से Hindustan Aeronautics Limited (HAL), भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) के प्रदर्शन को प्रभावित कर सकते हैं।

यह दौरा ऐसे समय हो रहा है जब भारत–अमेरिका व्यापार समझौते पर उच्चस्तरीय बातचीत जारी है, और विश्लेषकों का मानना है कि भारत–रूस की करीबी साझेदारी वैश्विक कूटनीति के सन्दर्भ में अमेरिका के लिए भी महत्वपूर्ण संकेत ले जा सकती है। India News

मेहता इक्विटीज लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (अनुसंधान) प्रशांत तापसे के अनुसार, “राष्ट्रपति पुतिन का यह दौरा व्यापक रणनीतिक महत्व रखने वाला है और इससे बाज़ार में भू-राजनीतिक हलचल बढ़ सकती है। अमेरिका की संभावित प्रतिक्रिया, मुद्रा में उतार–चढ़ाव और उभरते बाजारों में जोखिम प्रीमियम जैसे कारक अल्पकालिक प्रभाव डाल सकते हैं।” उन्होंने कहा कि निवेशकों को वह सभी अवसर ध्यान से देखने चाहिए जो स्थानीय निर्माण, संयुक्त उपक्रमों और तकनीकी हस्तांतरण की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं। तापसे के अनुसार, इस क्षेत्र में किसी भी प्रगति से भारतीय रक्षा पीएसयू स्टॉक्स को सशक्त प्रोत्साहन मिल सकता है और दीर्घकालिक रक्षा निवेश चक्र की मजबूती पर प्रकाश पड़ेगा।

क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव पहले ही संकेत दे चुके हैं कि पुतिन के भारत दौरे के दौरान S-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली के अतिरिक्त बैच की आपूर्ति पर विचार किया जा सकता है। बोनान्ज़ा फाइनेंशियल सर्विसेज के वरिष्ठ अनुसंधान विश्लेषक नितिन जैन ने बताया कि हाल के ऑपरेशन सिंदूर में S-400 प्रणाली की प्रभावी उपयोग क्षमता सिद्ध होने के बाद, इससे संबंधित तकनीकी हस्तांतरण समझौते पर सहमति भारतीय कंपनियों, विशेषकर भारत डायनेमिक्स (BDL), के निर्माण कौशल को और मज़बूती दे सकती है। India News

सूत्रों के अनुसार, सुखोई-57 पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ लड़ाकू विमान तथा S-500 उन्नत वायु रक्षा प्रणाली पर भी वार्ता संभव है। जैन के मुताबिक HAL की तकनीकी दक्षता उसे इन परियोजनाओं में प्रमुख भूमिका दिला सकती है। उन्होंने कहा, “पुतिन के दौरे से लड़ाकू विमानों, वायु रक्षा प्रणालियों और मिसाइल तकनीक से जुड़े समझौतों में तीव्रता आने की संभावना है, जिससे HAL और BDL जैसे शेयर केंद्र में रहेंगे। यह शिखर सम्मेलन भारत की रणनीतिक स्वतंत्रता और रक्षा आत्मनिर्भरता को आगे बढ़ाने की दिशा में विशेष महत्व रखता है।” India News