विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा में नहीं हो सका प्रश्नकाल, कार्यवाही स्थगित

Rajya Sabha Uproar

नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। राज्यसभा में आज कांग्रेस और तेलंगना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के सदस्यों ने भारी हंगामा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। आवश्यक दस्तावेज सदन पटल पर रखे जाने के बाद कांग्रेस के सदस्यों ने राज्य सभा में विपक्षी दलों के सदस्यों के निलम्बन और टीआरएस के सदस्यो ने तेलंगना में वर्षा से फसलों को हुई क्षति के कारण किसानों को मुआवजा देने की मांग को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। सभापति एम वेंकैया नायडू ने इसी दौरान शून्यकाल की घोषणा कर दी । विपक्षी सदस्य अपनी सीट से शोरगुल करते हुए सदन के बीच में आ गये और नारेबाजी करने लगे । टीआरएस के सदस्य अपने हाथों में प्ले कार्ड लिए हुए थे ।

किसान आंदोलन में मरने वाले किसानों का सरकार के पास कोई रिकॉर्ड नहीं: तोमर

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बुधवार को संसद में बताया है कि सरकार के पास दिल्ली की सीमाओं पर कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान मरने वाले किसानों का कोई रिकॉर्ड नहीं है। विपक्ष की ओर से मृतक किसानों के परिवारों को आर्थिक मुआवजा दिए जाने के सवाल पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि चूंकि सरकार के पास किसानों की मौत का कोई रिकॉर्ड नहीं है, ऐसे में आर्थिक सहायता देने का सवाल ही नहीं उठता।

प्रधानमंत्री विकास पैकेज-2015 के तहत 1678 कश्मीरी प्रवासी वापस लौटे

सरकार ने कहा है कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाये जाने के बाद ‘प्रधानमंत्री विकास पैकेज-2015’ के तहत नौकरी प्राप्त करने के लिए 1,678 कश्मीरी प्रवासी वापस कश्मीर लौट आए हैं। लोकसभा में एक अतारांकित प्रश्न के लिखित जवाब में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि सरकार ने प्रवासी हिंदुओं की पुश्तैनी संपत्तियों को वापस दिलाने के लिए विभिन्न उपाय किए हैं। जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार 150 आवेदकों को उनकी भूमि वापस दिलाई गयी है। उन्होंने कहा कि कश्मीरी प्रवासियों की शिकायतों के समाधान करने के लिए जम्मू कश्मीर सरकार ने इसी वर्ष सितंबर में एक पोर्टल भी शुरू किया है।

क्या है मामला

राय ने अपने जवाब में कहा कि जम्मू और कश्मीर प्रवासी अचल संपत्ति (संरक्षण, संरक्षण और संकट बिक्री पर संयम) अधिनियम, 1997 के तहत, जम्मू और कश्मीर में संबंधित जिलों के जिला मजिस्ट्रेट कश्मीरी प्रवासियों की अचल संपत्तियों के कानूनी संरक्षक हैं, जो स्वत: कार्रवाई करते हैं। अतिक्रमण के मामलों में बेदखली की कार्यवाही के संबंध में संपत्ति की संरक्षा और सुरक्षा के लिए सभी उपाय करने के लिए जिला मजिस्ट्रेटों को अधिकार प्राप्त है। प्रवासी ऐसे मामलों में उनसे अनुरोध कर सकते हैं। उल्लेखनीय है कि जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को पांच अगस्त 2019 को सरकार ने निरस्त कर दिया था। राज्य को भी दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया गया था।

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