RBI Repo Rate Cut: आरबीआई ने की रेपो रेट में बड़ी कटौती! उपभोक्ताओं और व्यापारिक संस्थाओं को मिलेगा सस्ता ऋण

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RBI Repo Rate Cut: आरबीआई ने की रेपो रेट में बड़ी कटौती! उपभोक्ताओं और व्यापारिक संस्थाओं को मिलेगा सस्ता ऋण

RBI Repo Rate cut: मुंबई। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने शुक्रवार को देश की आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से रेपो दर में 50 आधार अंकों की कटौती की घोषणा की है। इस निर्णय के अनुसार, रेपो दर अब 6 प्रतिशत से घटकर 5.5 प्रतिशत रह गई है। इसके साथ ही, गवर्नर ने कैश रिज़र्व रेश्यो (सीआरआर) में 100 आधार अंकों की कमी की घोषणा की है। यह कटौती चार बराबर किस्तों में लागू होगी – क्रमशः 6 सितंबर, 4 अक्टूबर, 1 नवंबर और 29 नवंबर से प्रत्येक में 25 आधार अंकों की कटौती की जाएगी। RBI News

इस मौद्रिक नीति निर्णय से बैंकिंग प्रणाली में लगभग 2.5 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त तरलता आने की संभावना है, जिससे ऋण वितरण में सहूलियत और आर्थिक गतिविधियों में तेजी आने की उम्मीद है। गवर्नर ने कहा कि कम ब्याज दरों से उपभोक्ताओं और व्यापारिक संस्थाओं को सस्ता ऋण मिलेगा, जिससे खपत और निवेश में वृद्धि होगी। हालांकि, इस निर्णय की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि वाणिज्यिक बैंक ग्राहकों तक इस लाभ को कितनी शीघ्रता और प्रभावशीलता से पहुँचाते हैं।

उन्होंने यह भी बताया कि फरवरी से अब तक रेपो दर में कुल 100 आधार अंकों की कटौती की जा चुकी है। इसके आधार पर, रिज़र्व बैंक ने अपने मौद्रिक रुख को ‘उदारवादी’ (Accommodative) से ‘तटस्थ’ (Neutral) घोषित कर दिया है, ताकि विकास और मुद्रास्फीति पर संतुलित दृष्टिकोण बनाए रखा जा सके।

मुद्रास्फीति और विकास दर से जुड़े आँकड़े | RBI News

गवर्नर मल्होत्रा ने जानकारी दी कि थोक और खुदरा कीमतों में गिरावट के चलते मुद्रास्फीति दर घटकर 3.2 प्रतिशत पर आ गई है। इसके साथ ही, मौजूदा वित्तीय वर्ष में मुद्रास्फीति का अनुमान 4 प्रतिशत से घटाकर 3.7 प्रतिशत कर दिया गया है। RBI ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत की जीडीपी विकास दर का अनुमान 6.5 प्रतिशत पर स्थिर रखा है। तिमाही वार अनुमान इस प्रकार हैं:

पहली तिमाही: 6.5%

दूसरी तिमाही: 6.7%

तीसरी तिमाही: 6.6%

चौथी तिमाही: 6.3%

गवर्नर ने बताया कि रबी की फसलों को लेकर अनिश्चितताएं अब लगभग समाप्त हो गई हैं। नवीनतम अनुमानों के अनुसार, गेहूं का रिकॉर्ड उत्पादन और दालों की अच्छी पैदावार संभावित है। साथ ही, खरीफ फसलों की अच्छी आवक से खाद्य वस्तुओं की महंगाई में भी कमी आने की उम्मीद है। कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और मुद्रास्फीति की उम्मीदों में गिरावट जैसे वैश्विक और घरेलू संकेतक, निकट भविष्य में मूल्य स्थिरता बनाए रखने में मददगार साबित हो सकते हैं।

निवेश और भविष्य की संभावनाएँ | RBI News

गवर्नर ने कहा कि भारत की मजबूत जनसांख्यिकी, बढ़ता डिजिटलीकरण और सशक्त घरेलू मांग, देश को विदेशी और घरेलू निवेशकों के लिए एक आकर्षक गंतव्य बनाते हैं। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेज़ी से उभरती अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है, और इसका कॉरपोरेट, बैंकिंग तथा सरकारी वित्तीय ढांचा मजबूत स्थिति में है।

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