RBI Retail Scheme: परिजनों के मरने के बाद उनके बैंक खातों से कैसा निकाला जाए धन? जानें, आरबीआई के नए नियम

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RBI Retail Scheme: मुंबई। भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए बताया कि देश के विभिन्न बैंकों में मृत ग्राहकों से संबंधित जमा खातों, सुरक्षित अभिरक्षा और लॉकरों के दावों के निपटान की प्रक्रिया को मानकीकृत और सरल बनाया जाएगा। यह निर्णय मृतकों के परिजनों को उनके धन और मूल्यवान वस्तुओं के शीघ्र निपटान में सहायता देने के उद्देश्य से लिया गया है। RBI News

अब सभी बैंकों में एक समान प्रक्रिया

वर्तमान में, मृत ग्राहकों से जुड़े दावों के निपटान की प्रक्रिया हर बैंक में अलग-अलग होती है, जिससे परिवारजनों को अनावश्यक जटिलताओं का सामना करना पड़ता है। आरबीआई ने इस स्थिति को देखते हुए सभी बैंकों के लिए 統ित दिशा-निर्देश तैयार करने का निर्णय लिया है, जिससे दावों का निपटान सुगम, शीघ्र और पारदर्शी हो सके।

आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बताया, “हम मृत ग्राहकों के बैंक खातों, लॉकरों और सुरक्षित अभिरक्षा में रखी वस्तुओं से जुड़े दावों की प्रक्रिया को मानकीकृत करेंगे, ताकि निपटान में सरलता और पारदर्शिता सुनिश्चित हो।” आरबीआई ने कहा है कि इस संदर्भ में एक प्रारूप सर्कुलर (Draft Circular) जल्द ही जन परामर्श हेतु जारी किया जाएगा।

नामांकन की सुविधा का होगा बेहतर उपयोग | RBI News

बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 के तहत खातों, लॉकरों और अभिरक्षा में रखी वस्तुओं के लिए नामांकन सुविधा पहले से उपलब्ध है, लेकिन उसका उपयोग समुचित रूप से नहीं हो पाता। आरबीआई अब इस सुविधा को दावों के त्वरित निपटान से जोड़ते हुए प्रक्रिया को अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में काम कर रहा है। मौजूदा नियमों के अनुसार, बैंकों को नामांकित व्यक्ति, उत्तरजीवी या कानूनी उत्तराधिकारियों के दावों को सरल और परेशानी-रहित प्रक्रिया के तहत निपटाना चाहिए, लेकिन व्यवहार में इसमें काफी भिन्नताएं पाई जाती हैं।

रिटेल डायरेक्ट में टी-बिल निवेश के लिए ऑटो-बिडिंग सुविधा शुरू

आरबीआई ने एक अन्य निर्णय में, रिटेल डायरेक्ट पोर्टल के अंतर्गत ट्रेजरी बिलों (T-Bills) में निवेश और पुनर्निवेश के लिए स्वचालित बोली (Auto-Bidding) सुविधा शुरू करने की घोषणा की है। आरबीआई के अनुसार, “यह सुविधा खुदरा निवेशकों को प्राथमिक नीलामी में टी-बिल्स में स्वचालित रूप से निवेश करने और दोबारा निवेश करने की सुविधा देती है, जिससे निवेश की योजना बनाना अधिक आसान हो जाएगा।”

रिटेल डायरेक्ट पोर्टल की विशेषताएं

नवंबर 2021 में आरबीआई द्वारा शुरू किया गया।

खुदरा निवेशकों को गिल्ट खाता (Gilt Account) खोलने की सुविधा देता है।

इससे निवेशक सरकारी प्रतिभूतियां (G-Secs) प्राथमिक और द्वितीयक दोनों बाजारों से खरीद सकते हैं।

मई 2024 में मोबाइल ऐप की शुरुआत के साथ, सेवा और भी सुलभ बनी है।

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