RBI’s Dividend increased: आरबीआई का लाभांश बढ़ा, बढ़ेगी भारतीय अर्थव्यवस्था: रिपोर्ट

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RBI's Dividend increased: आरबीआई का लाभांश बढ़ा, बढ़ेगी भारतीय अर्थव्यवस्था: रिपोर्ट

RBI’s Dividend increased: नई दिल्ली। भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) द्वारा केंद्र सरकार को दिए गए रिकॉर्ड लाभांश से देश की आर्थिक स्थिति में महत्वपूर्ण सुधार की उम्मीद जताई जा रही है। एक ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, इस उच्च लाभांश से जहां एक ओर प्रणाली में तरलता बढ़ेगी, वहीं दूसरी ओर कर राजस्व और नाममात्र सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि में संभावित गिरावट की आंशिक भरपाई भी हो सकेगी। RBI News

लाभांश सरकार द्वारा अनुमानित राशि से अधिक रहा

एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज द्वारा जारी विश्लेषणात्मक रिपोर्ट में कहा गया है कि यह लगातार तीसरा वर्ष है जब आरबीआई का वास्तविक लाभांश सरकार द्वारा अनुमानित राशि से अधिक रहा है। इस वर्ष केंद्र को 2.68 ट्रिलियन रुपये का लाभांश प्रदान किया गया है, जो कि बजट में अनुमानित 2.1 ट्रिलियन रुपये की तुलना में लगभग 28 प्रतिशत अधिक है। इससे जीडीपी के 0.15 प्रतिशत के बराबर अतिरिक्त राजकोषीय सहायता मिलने का अनुमान है। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि जून 2025 तक 4 से 4.5 ट्रिलियन रुपये की अतिरिक्त तरलता देखी जा सकती है, जिसका प्रमुख कारण होगा:

आरबीआई का उच्च लाभांश

करेंसी इन सर्कुलेशन (CIC) में मौसमी गिरावट

ओपन मार्केट ऑपरेशन्स (OMO) की भूमिका

विश्लेषकों के अनुसार, इस स्थिति से बैंकिंग प्रणाली में ऋण प्रवाह तेज़ होने और वास्तविक अर्थव्यवस्था में सुधार की संभावनाएं प्रबल होंगी। रिपोर्ट बताती है कि लाभांश में हुई वृद्धि का मुख्य कारण विदेशी मुद्रा बिक्री से हुई आय है। वित्त वर्ष 2025 में आरबीआई ने 398 बिलियन डॉलर की विदेशी मुद्रा बिक्री की, जो पिछले वर्ष के 153 बिलियन डॉलर की तुलना में कहीं अधिक है। इसके अलावा, सरकारी प्रतिभूतियों (G-Secs) से प्राप्त ब्याज आय में भी बढ़ोत्तरी दर्ज की गई।

नीतिगत दर और दीर्घकालिक प्रतिफल पर दृष्टिकोण | RBI News

रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि नीतिगत ब्याज दर (टर्मिनल पॉलिसी रेट) आगामी समय में 5.25 प्रतिशत तक पहुँच सकती है। इसके साथ ही, वित्त वर्ष 2026 के अंत तक सिस्टम लिक्विडिटी सकल मांग और समयबद्ध देनदारियों (NDTL) के 0.9 से 1.1 प्रतिशत तक अधिशेष में रहने की संभावना है। दस वर्षीय सरकारी बॉन्ड की प्रतिफल दर (10-Year Yield) पर भी रिपोर्ट में आशावादी दृष्टिकोण अपनाया गया है। विश्लेषकों का मानना है कि वर्ष 2025 के अंत तक यह दर 6.0 प्रतिशत तक गिर सकती है, जो दीर्घकालिक निवेशकों के लिए सकारात्मक संकेत है। RBI News

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