मुंबई। भारतीय रिज़र्व बैंक ने स्वर्ण ऋण (गोल्ड लोन) लेने वाले छोटे कर्जधारकों के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। शुक्रवार को आरबीआई गवर्नर श्री संजय मल्होत्रा ने बताया कि अब दो लाख पचास हजार रुपये तक के स्वर्ण ऋण पर ऋण-मूल्य अनुपात (Loan-to-Value Ratio – LTV) को 75 प्रतिशत से बढ़ाकर 85 प्रतिशत कर दिया गया है। Gold News
मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि इस संशोधन से आम नागरिकों तथा लघु व्यापारियों को अधिक सुविधा मिलेगी और उन्हें आवश्यक धनराशि प्राप्त करना सरल होगा। उदाहरण स्वरूप, यदि कोई व्यक्ति एक लाख रुपये मूल्य का सोना गिरवी रखता है, तो वह पहले 75 हजार रुपये तक ही ऋण प्राप्त कर सकता था, लेकिन अब यह सीमा बढ़ाकर 85 हजार रुपये कर दी गई है।
छोटे मूल्य के ऋणों पर अब ऋण पात्रता की कठोर जांच की आवश्यकता नहीं
गवर्नर मल्होत्रा ने यह भी बताया कि छोटे मूल्य के ऋणों पर अब ऋण पात्रता की कठोर जांच की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे उधार प्रक्रिया और सरल होगी। यह निर्णय वित्त मंत्रालय के उस सुझाव के बाद लिया गया है जिसमें कहा गया था कि दो लाख रुपये तक के स्वर्ण ऋण पर आरबीआई के प्रारंभिक मसौदे के प्रावधान लागू न किए जाएं।
वित्त मंत्रालय ने रिज़र्व बैंक को यह भी सलाह दी है कि इन दिशा-निर्देशों के अमल को आगामी वर्ष तक स्थगित कर दिया जाए। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण के मार्गदर्शन में वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) ने इन मसौदा निर्देशों की समीक्षा की है और आरबीआई को सुझाव दिए हैं ताकि छोटे कर्जदारों के हित सुरक्षित रहें। 30 मई को जारी एक आधिकारिक वक्तव्य में बताया गया कि भारतीय रिज़र्व बैंक प्राप्त सुझावों की समीक्षा कर रहा है और जनहित को ध्यान में रखते हुए अंतिम दिशा-निर्देशों को जल्द ही घोषित किया जाएगा। Gold News