बेंगलुरु। भारत के सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र में अप्रैल 2025 के दौरान नियुक्तियों में वार्षिक आधार पर 16 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। यह जानकारी शुक्रवार को प्रकाशित एक नवीन रिपोर्ट में दी गई। यह उछाल मुख्य रूप से वैश्विक क्षमत केंद्रों (Global Capability Centers – GCCs) के विस्तार के कारण देखा गया है। वर्ष 2024-25 के दौरान भारत में जीसीसी के माध्यम से लगभग 1,10,000 नई तकनीकी नौकरियाँ सृजित हुई हैं। Recruitment 2025
हालाँकि, मासिक तुलना में अप्रैल माह में नियुक्तियों में 11 प्रतिशत की गिरावट भी दर्ज की गई है। रिपोर्ट के अनुसार यह कमी अस्थायी प्रवृत्ति (ट्रेंड) मानी जा रही है और दीर्घकालिक दृष्टिकोण से रोजगार के अवसरों की दिशा अब भी सकारात्मक है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि अनुभवी और विशेष कौशल से युक्त कर्मियों की माँग में उल्लेखनीय वृद्धि हो रही है। कंपनियाँ अब डिग्री की अपेक्षा व्यावहारिक कौशल को अधिक महत्त्व देने लगी हैं।
फाउंडइट (पूर्व में मॉन्स्टर) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी वी. सुरेश ने बताया कि भारतीय आईटी क्षेत्र अब रणनीतिक प्रगति के एक नए चरण में प्रवेश कर रहा है। उन्होंने कहा, “देश अब मात्र संख्या आधारित भर्तियों से आगे बढ़ते हुए कौशल और नवाचार आधारित नियुक्तियों की दिशा में अग्रसर है। यह बदलाव भारत की विज्ञान एवं नवाचार में वैश्विक नेतृत्व की आकांक्षा को दर्शाता है, जिसके अंतर्गत देश अपने युवाओं को सक्षम बनाने पर बल दे रहा है।” सुरेश के अनुसार, टियर-2 शहर भी अब देश की डिजिटल अर्थव्यवस्था में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। जीसीसी विशेष रूप से डेटा इंजीनियरिंग, डेवऑप्स और एंटरप्राइज़ आर्किटेक्चर जैसे क्षेत्रों में इस परिवर्तन के केंद्र में हैं। Recruitment 2025
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