कर्ज माफी पर रिपोर्ट: किसान व मजदूर खुदकुशी पीड़ित परिवार कमेटी ने
लिखा मुख्यमंत्री को पत्र | Report on Debt Forgiveness
- कमेटी परिवार के दुखों भरा पत्र सीएम कार्यालय में भेजेगा
- कहा, कैप्टन के मैनीफेस्टो में किए सारे वायदे झूठे साबित हुए
भटिंडा (सच कहूँ/सुखजीत मान)। भले ही पंजाब सरकार ने किसान-मजदूरों का पूरा कर्ज (Report on Debt Forgiveness) माफ करने का वायदा किया था लेकिन वास्तविक्ता यह है कि खुदकुशी पीड़ित व कर्जई किसान-मजदूरों के परिवार भयभीत माहौल में जीवन व्यत्तीत कर रहे हैं। किसान व मजदूर खुदकुशी पीड़ित परिवार कमेटी के मुताबिक सरकार ने वर्ष 2019-20 के बजट में तीन हजार करोड़ रुपये आरक्षित कर पीड़ित परिवारों का पूरा कर्ज माफ करने की घोषणा की थी लेकिन वित्तीय वर्ष का तीन चौथाई समय गुजरने के बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई बल्कि बैंक व वित्तीय संस्थाएं किसानों को नोटिस भेजकर उन्हें डरा रही हैं। कमेटी ने पीड़ित परिवार के दुखों की दास्तां भरा पत्र उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम भेजेगा।
कमेटी ने लिखा है कि पंजाब सरकार ने 23 जुलाई 2015 को खुदकशी पीड़ित परिवारों के लिए एक नीति बनाई थी, जिसके मुताबिक पीड़ित परिवार के पुर्नवास व कम से कम एक वर्ष के लिए परिवारों की खेती भी राजस्व व कृषि विभाग के कर्मचारियों ने करवानी है लेकिन हालात बिल्कुल उलट हैं। एक भी कर्मचारी किसी पीड़ित परिवार के कभी घर तक भी नहीं गया बल्कि नई शर्तें लागू कर परिवारों को मिलने वाली तीन लाख रुपये की राहत राशि के आवेदन भी रद्द किए जा रहे हैं।
कार्यालयों के चक्कर काट रहे पीड़ित | Report on Debt Forgiveness
कमेटी ने यह भी लिखा है कि कांग्रेस ने अपनी चुनावी मैनीफेस्टो में पांच लाख रुपये राहत का वायदा किया है। इसके अलावा प्रत्येक सरकार योजना का लाभ प्राथमिकता के आधार पर पीड़ित परिवारों के बच्चों को दिए जाने का नीतिगत वायदा किया है, इनके लाभपात्रियों की पहचान ग्राम सभा के समारोह में करवाने की शर्त है लेकिन ऐसा भी कुछ नहीं हुआ, उलटा पीड़ित परिवार कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं।
कमेटी द्वारा लिखे पत्र के तहत मांग की गई है कि बजट में आरक्षित राशि खुदकशी पीड़ित परिवारों का पूरा कर्ज तुरंत माफ किया जाए व किसान-मजदूरों को बैंकों द्वारा नोटिस भेजने का सिलसिला बंद किया जाए, पंजाब सरकार के कहने पर तीन यूनीवर्सिटीयों द्वारा किए सर्वेक्षण में परिवारों को बिना शर्त के राहत नीति के तहत राहत तुरंत दी जाए, पीड़ित परिवारों की उपायुक्त कार्यालयों में फाइलों का एक माह के भीतर खत्म कर राहत प्रदान की जाए, कर्ज साबित किया जाए, पोस्टमार्टम व एफआईआर जैसी शर्तें अब तक के केसों से समाप्त कर इन पर राहत दी जाए।
पीड़ित परिवार की बेटी करेगी भटिंडा का नेतृत्व | Report on Debt Forgiveness
- कमेटी के नेता किरणजीत कौर झुनीर ने बताया कि जिला भटिंडा की नई ईकाई का गठन किया गया है।
- इस ईकाई में जिला भटिंडा की प्रधान मनप्रीत कौर को चुना गया है जो 12वीं कक्षा की छात्रा है।
- मनप्रीत कौर का पिता कर्ज के कारण खुदकशी कर गया जबकि उसकी मां की बीमारी के कारण मौत हो गई।
- इसके अलावा अन्य जिला कमेटी में मौजूद महिलाएं भी पीड़ित परिवारों की विधवाएं हैं।
Hindi News से जुडे अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter पर फॉलो करे।