BCCI’s ‘Bronco Test’: नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने खिलाड़ियों की फिटनेस को और मजबूत बनाने के लिए एक नया मानक लागू किया है। अब राष्ट्रीय पुरुष टीम में शामिल होने वाले खिलाड़ियों को “ब्रोंको टेस्ट” पास करना अनिवार्य कर दिया गया है। यह टेस्ट खिलाड़ी की सहनशक्ति, मानसिक मजबूती और रिकवरी की क्षमता को परखता है। BCCI News
हाल ही में आयोजित फिटनेस कैंप में कई वरिष्ठ और युवा खिलाड़ियों ने यह परीक्षा सफलतापूर्वक पूरी की। कप्तान रोहित शर्मा, शुभमन गिल, जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज ने शानदार प्रदर्शन करते हुए टेस्ट पास किया। इनके अलावा यशस्वी जायसवाल, शार्दुल ठाकुर और वाशिंगटन सुंदर भी इस मानक पर खरे उतरे। रिपोर्टों के अनुसार, प्रसिद्ध कृष्णा का प्रदर्शन विशेष रूप से प्रभावित करने वाला रहा।
ब्रोंको टेस्ट क्या है? | BCCI Fitness Rules
यह फिटनेस परीक्षा खिलाड़ियों की एरोबिक क्षमता और लगातार उच्च गति से दौड़ने की योग्यता को मापती है। इसमें चार कोन निर्धारित दूरी (0, 20, 40 और 60 मीटर) पर लगाए जाते हैं। खिलाड़ी को पहले 20 मीटर तक जाकर लौटना होता है, फिर 40 मीटर और अंत में 60 मीटर तक दौड़ना और लौटना होता है। इस पैटर्न को एक “सेट” माना जाता है, जिसमें कुल 240 मीटर की दौड़ शामिल है।
खिलाड़ी को ऐसे पाँच सेट पूरे करने होते हैं यानी कुल 1,200 मीटर दौड़ना पड़ता है। इसमें किसी भी तरह का विश्राम (रेस्ट) नहीं मिलता। जितना कम समय में खिलाड़ी यह दूरी पूरी करता है, उसका प्रदर्शन उतना ही बेहतर माना जाता है।
क्रिकेट के लिए क्यों है महत्वपूर्ण? BCCI News
आधुनिक क्रिकेट में लगातार बदलते हालात और व्यस्त शेड्यूल खिलाड़ियों से अतिरिक्त शारीरिक क्षमता की माँग करते हैं। बल्लेबाज़ी, गेंदबाज़ी और फील्डिंग – हर विभाग में तेज़ी से दिशा बदलना, लगातार स्प्रिंट लगाना और मानसिक एकाग्रता बनाए रखना आवश्यक है। ब्रोंको टेस्ट इन्हीं चुनौतियों को ध्यान में रखकर बनाया गया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की फिटनेस परीक्षा खिलाड़ियों को लंबे समय तक उच्च स्तर का प्रदर्शन बनाए रखने में मदद करेगी और भारतीय टीम को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाए रखेगी। BCCI News
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