Sirsa: साध-संगत ने पुष्पवर्षा कर नम आंखों से दी देहदानी रूकमणी देवी को रवागनी

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Sirsa: साध-संगत ने पुष्पवर्षा कर नम आंखों से दी देहदानी रूकमणी देवी को रवागनी

सरसा (सच कहूँ/सुनील वर्मा)। डेरा सच्चा सौदा के पूज्य गुरु संत डा. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पवित्र शिक्षाओं पर चलते हुए ब्लॉक सरसा के एक और दधीचि निकला है। शहर की पुरानी हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी निवासी रूकमणी देवी (91) पत्नी सचखंडवासी काशी राम के मरणोपरांत स्वजन ने उनकी पार्थिव देह को मेडिकल शोध कार्यों के लिए वेंकटेश्वर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज वेंकटेश्वर नगर, नजदीक रजबपुर, एनएच-24, गजरौला, जिला अमरोहा उत्तर प्रदेश को दान किया गया। शरीरदानी को अंतिम विदाई देने के लिए ब्लॉक सहित काफी संख्या में शहरवासी, उनके रिश्तेदार, सगे संबंधी मौजूद रहे। Sirsa News

जानकारी के मुताबिक रूकमणी देवी की 91 साल की उम्र में शुक्रवार सुबह नेचुरल तरीके से मृत्यु हो गई। उनके मरणोपरांत उनके स्वजन ने उनकी आखिरी ख्वाहिश को पूरा करते हुए ब्लॉक सरसा के जिम्मेवारों से संपर्क कर डेरा सच्चा सौदा की अमर सेवा मुहिम के तहत उनका देहदान किया गया। इससे पूर्व सचखंडवासी के आवास पर अरदास का शब्द बोलकर मृत शरीर को फूलो से सजी एंबुलेंस में रखा गया। बाद में अनाज मंडी के मुख्य चौराहे तक उनकी अंतिम यात्रा निकाली गई।

इलाही नारा लगाकर मेडिकल कॉलेज के लिए रवाना किया

इस दौरान साथ चल रही शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेलफेयर फोर्स विंग के सेवादार महिला-पुरुषों, साध-संगत, सगे संबंधियों ने जब तक सूरज चांद रहेगा, शरीरदानी रूकमणी देवी इन्सां तेरा नाम रहेगा, शरीरदानी रूकमणी देवी इन्सां अमर रहे अमर रहे के गगनभेदी नारे लगाकर आसमान को गुंजायमान किया। बाद में मुख्य चौराहे से एंबुलेंस को धन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा का इलाही नारा लगाकर मेडिकल कॉलेज के लिए रवाना किया। इस दौरान साध-संगत ने एंबुलेंस पर पुष्पवर्षा भी की। Sirsa News

इससे पूर्व अंतिम विदाई के समय डेरा सच्चा सौदा की बेटा-बेटी एक समान शिक्षा का अनुसरण करते हुए सचखंडवासी की बेटी राज अनेजा, पुत्रवधु संतोष, सुनीता, कैलाश रानी, किरण, पुत्र संतलाल, मदन लाल, सुभाष, जगदीश, हरीश कुमार सहित अन्य ने अर्थी को कंधा दिया और समाज को एक सशक्त संदेश दिया।

ब्लॉक प्रेमी सेवक कस्तूर सोनी इन्सां ने कहा कि माता रूकमणी देवी इन्सां का परिवार लंबे समय से डेरा सच्चा सौदा से जुड़ा हुआ है। उनके मरणोपरांत भी परिवार ने उनका देहदान कर गुरमुख होने का फर्ज निभाया है। Sirsa News

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