Barnawa UP: सत्संग भंडारा पर पहुंची साध संगत के प्रेम के आगे पड़े सभी इंतजाम छोटे

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Barnawa UP: सत्संग भंडारा पर पहुंची साध संगत के प्रेम के आगे पड़े सभी इंतजाम छोटे छाया: सुशील कुमार

बरनावा, रकम सिंह। डेरा सच्चा सौदा के संस्थापक बेपरवाह साईं शाह मस्ताना जी महाराज के पावन अवतार माह का भंडारा रविवार को उत्तर प्रदेश की साध-संगत द्वारा बरनावा स्थित एमएसजी डेरा सच्चा सौदा व मानवता भलाई केंद्र शाह सतनाम जी आश्रम में सत्संग भंडारा माह के रूप में बडी धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर आयोजित नामचर्चा सत्संग कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से भारी तादाद में पहुंची साध-संगत के आगे सत्संग पंडाल सहित प्रबंधन द्वारा किए गए सभी इंतजामात कम पड़ गए।

भंडारे को लेकर उत्तर प्रदेश की साध संगत में ऐसा उत्साह था कि साध-संगत देर रात्रि से ही आश्रम में आना शुरू हो गई, जिनका भंडारे की समाप्ति तक अनवरत आना जारी रहा। इस दौरान पूज्य गुरु संत डा. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के दिशा-निर्देशन में डेरा सच्चा सौदा द्वारा चलाए जा रहे 159 मानवता भलाई कार्यों को गति देते हुए स्थानीय साध-संगत की ओर से जरूरतमंद परिवारों को गर्म कपड़े व कंबल वितरित किए गए। वहीं साध-संगत ने भी अपने दोनों हाथ उठा कर डेरा सच्चा सौदा द्वारा किए जा रहे मानवता भलाई कार्योें में बढ़-चढ़ कर भाग लेने का संकल्प लिया गया। इससे पूर्व उपस्थित साध-संगत ने धन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा का इलाही नारा बोलकर पूज्य गुरु जी को सत्संग भंडारे माह की बधाई दी।

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Barnawa UP: सत्संग भंडारा पर पहुंची साध संगत के प्रेम के आगे पड़े सभी इंतजाम छोटे

बता दें कि पूजनीय बेपरवाह साईं शाह मस्ताना जी महाराज ने विक्रमी सम्वत 1948 (सन 1891) को कार्तिक की पूर्णमासी को गांव कोटड़ा, तहसील गंधेय रियासत कलायत बिलोचिस्तान (जो अब पाकिस्तान में है) में पूजनीय पिता पिल्ला मल और पूजनीय माता तुलसा बाई जी के घर अवतार धारण किया था। इसलिए नवंबर महीने को डेरा सच्चा सौदा की साध-संगत एमएसजी सत्संग भंडारे के रूप में मनाती है और आज उत्तर प्रदेश की साध-संगत ने बरनावा में नामचर्चा सत्संग के माध्यम से एमएसजी सत्संग का शुभ भंडारा मनाया है।

नामचर्चा सत्संग कार्यक्रम में उपस्थित साध-संगत को संबोधित करते हुए पूज्य गुरु संत डा गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने सर्वप्रथम सत्संग भंडारे माह की बधाई दी। पूज्य गुरु जी ने आगे फरमाया कि साईं जी आपको गुरु के साथ-साथ गुरु की भी मानने की ताकत दें। गुरु को मानना कहना बड़ा आसान होता है, लेकिन गुरु की मानना बहुत बडी बात है। जहां पर ओम,हरि, अल्लाह, वाहेगुरु हो, वहां कोई भी बुरा, गलत काम ना करना, यह सभी धर्मों में लिखा है। पूज्य गुरु जी ने कहा कि भगवान कण-कण में है यानी भगवान हर जगह रहता है, कोई जगह उससे खाली नहीं हैं। गुरु की मानने से ही सारी खुशियां आती है। हम गारंटी देते है कि जो सच्चा गुरु होगा वो कभी अपनी सेवा नहीं करवाता।

सभी धर्मों के गुरु साहिबान कठोर परिश्रम करते थे। सच्चा गुरु, सच्चा संत कभी मांग के नहीं खाता। गुरु के पास लोग लेने जाते है, देने नहीं जाते। पवि वेदों में लिखा है कि भगवान से अच्छी धरती, अच्छा पानी, अच्छी हवा और अच्छी सेहत मांगनी चाहिए। इसके अलावा भगवान से भगवान को ही मांगना चाहिए, सभी धर्म में भी यही लिखा है। सच्चा संत मालिक से दुआएं और आशीर्वाद मांग के इंसान को देता हैं। साईं मस्ताना जी महाराज ने ऐसा सच्चा सौदा बनाया है जहां सच्च का पाठ पढाया जाता हैं। पूज्य गुरु जी ने कहा कि जिंदगी जीने का ढंग सिखाता है धर्म, आपस में बेगर्ज, निस्वार्थ प्रेम व प्यार करना सिखाता है धर्म। इसके अलावा इंसान से भगवान तक का सफर तय कराता है धर्म, आत्मिक शांति, दिमाग की शांति, शरीर की पावर और आत्मिक पावर देता है धर्म। उन्होंने कहा कि धर्म कभी भी लडना-झगडना नहीं सिखाता और ना ही धर्म नशे करना, निंदा-चुगली करना, दूसरों की बुराई करना आदि नहीं सिखाता।

नामचर्चा सत्संग कार्यक्रम के दौरान मानवता भलाई कार्यों में 12वें कार्य के रूप में शामिल ट्रयू ब्लड पंप यानी रक्तदान महादान संबंधी एक डाक्यूमेंट्री दिखाई गई। जिसके तहत पूज्य गुरु जी की शिक्षाओं पर चलते हुए डेरा अनुयायियों की ओर से निस्वार्थ भाव से किए जा रहे खून दान के बारे में बताया गया। डाक्यूमेंट्री के माध्यम से आमजन को रक्तदान करने के लिए प्रेरित किया गया।

इस अवसर पर डेरा सच्चा सौदा द्वारा नशा मुक्त समाज की संरचना को लेकर चलाए जा रहे अभियान के तहत लोगों को नशा छोड़ने के लिए जागरूक करता पूज्य गुरु जी द्वारा गाया गया शब्द देश की जवानी व आशीर्वाद मांओ को चलाया गया, जिस पर साध-संगत ने झूम-गाकर भंडारे की खुशियां मनाई। साथ ही देश के युवाओं को नशा ना करने के लिए प्रेरित किया गया।