राष्ट्रीय प्रदर्शनी में साहिल का एग्रीकल्चर मल्टी-फंक्शनल रोबोट रहा आकर्षण का केन्द्र

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राष्ट्रीय प्रदर्शनी में साहिल का एग्रीकल्चर मल्टी-फंक्शनल रोबोट रहा आकर्षण का केन्द्र

केन्द्र सरकार ने उत्कृष्ट प्रदर्शन को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मॉडल प्रस्तुतीकरण के लिए की अनुशंषा

हनुमानगढ़। श्री खुशाल दास विश्वविद्यालय में इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी विभाग के बी टेक के छात्र सहिल ने 18 नवम्बर से 23 नवम्बर तक भोपाल के श्यामला हिल्स में आयोजित राष्ट्रीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी में हिस्सा लिया। साहिल की ओर से बनाया गया ‘एग्रीकल्चर मल्टी-फंक्शनल रोबोट’ आकर्षण का केन्द्र रहा। देशभर के कोने-कोने से 240 से अधिक प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं की ओर से राष्ट्रीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी में अपने वैज्ञानिक एवं नवाचार आधारित मॉडल प्रदर्शित किए गए। Hanumangarh News

श्री खुशाल दास विश्वविद्यालय से बी टेक के छात्र सहिल ने ‘एग्रीकल्चर मल्टी-फंक्शनल रोबोट’ मॉडल प्रस्तुत किया, जो जुताई से लेकर फसल कटाई तक कई महत्वपूर्ण कृषि कार्य करने में सक्षम है। यह रोबोट मिट्टी की नमी, तापमान और नाइट्रोजन फॉस्फोरस सेंसर से सुसज्जित है, जो खेत की स्थिति का वास्तविक समय विश्लेषण करता है। इस मॉडल की विशेषज्ञों और जूरी सदस्यों की ओर से विशेष प्रशंसा की गई। केन्द्र सरकार की ओर से साहिल के उत्कृष्ट प्रदर्शन को देखते हुए आगामी दिनों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मॉडल प्रस्तुतीकरण के लिए अनुशंषा की गई है।

प्रदर्शनी में श्री खुशाल दास विश्वविद्यालय की ओर से फैकल्टी कोऑर्डिनेटर विक्रम मंगवाना ने प्रभावी मार्गदर्शन और समन्वय प्रदान किया। बुधवार को विश्वविद्यालय परिवार की ओर से छात्र साहिल का हनुमानगढ़ पहुंचने पर स्वागत व अभिनन्दन किया गया। श्री खुशाल दास विश्वविद्यालय ने बी टेक छात्र साहिल की इस शानदार उपलब्धि को विश्वविद्यालय की नवाचार-समृद्ध शिक्षा प्रणाली का गर्वपूर्ण परिणाम बताया। इस मौके पर श्री गुरु गोबिंद सिंह चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष बाबूलाल जुनेजा ने कहा कि हमारे ट्रस्ट व विश्वविद्यालय का उद्देश्य सदैव गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देना है।

उन्होंने कहा कि साहिल का यह मॉडल कृषि क्षेत्र में नई संभावनाओं को जन्म देता है और हमें गर्व है कि हमारे छात्र-छात्राएं राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे हैं। चेयरपर्सन वरुण यादव ने कहा कि साहिल की उपलब्धि विश्वविद्यालय की तकनीकी क्षमता और शोध-उन्मुख वातावरण का परिणाम है। कम्प्यूटर साइंस विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. कुलवंत सिंह ने कहा कि यह सफलता छात्र की मेहनत, नवाचार सोच और शिक्षकों के सक्रिय मार्गदर्शन का उत्कृष्ट उदाहरण है। Hanumangarh News