हिसार सच कहूँ/संदीप सिंहमार। हिसार जिले के डाबड़ा गांव के संजय कालीरावणा को एक बार फिर बड़ा मौका मिला है। उन्हें दूसरी बार हॉकी इंडिया ए टीम का कप्तान बनाया गया है। तीन महीने पहले यूरोप कप में भारतीय टीम का नेतृत्व करने वाले संजय अब चीन के हांग्जो में 12 से 18 अक्टूबर तक होने वाले फ्रैंडली टूर्नामेंट में टीम का नेतृत्व करेंगे। यह मुकाबले भारत और चीन के बीच आपसी मैत्री मैचों की श्रृंखला का हिस्सा होंगे। खास बात यह है कि इससे पहले हुए एशिया कप में भी दोनों देशों की टीमें आमने-सामने आ चुकी हैं, जिसमें भारत ने शानदार जीत दर्ज की थी।
उधार की हॉकी स्टिक से सफलता की ऊंचाइयों तक
संजय के कोच राजेंद्र सिहाग ने बताया कि उनकी यह उपलब्धि सालों की मेहनत और अनुशासन का परिणाम है। उन्होंने कहा एक समय ऐसा था जब संजय के पास अपनी हॉकी स्टिक खरीदने के भी पैसे नहीं थे। वह सीनियर्स से उधार लेकर अभ्यास करता था। आज वही खिलाड़ी भारत का नेतृत्व कर रहा है ,इससे बड़ी प्रेरणा और क्या हो सकती है। राजेंद्र सिहाग ने यह भी बताया कि डाबड़ा गांव के कई बच्चे अब संजय से प्रेरणा लेकर हॉकी को अपने करियर के रूप में अपनाने लगे हैं।
उपलब्धियों की लंबी सूची
अब तक संजय कालीरावणा ने भारतीय हॉकी में कई शानदार उपलब्धियां हासिल की हैं। यूथ ओलिंपिक में भारतीय टीम का अहम हिस्सा रहे। एशियन गेम्स (2022) निर्णायक मैचों में बेहतरीन प्रदर्शन किया। बार्सिलोना में 4वां नेशनल मेंस इनविटेशनल टूर्नामेंट (2023) में योगदान के लिए सराहा गया। पेरिस ओलिंपिक गेम्स (2024) में भारतीय टीम को पदक दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। भारत सरकार द्वारा हॉकी में उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए संजय को अर्जुन अवॉर्ड से इसी वर्ष सम्मानित किया गया है।
खेल और समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत
संजय कालीरावणा की यह उपलब्धि न केवल हरियाणा बल्कि पूरे देश के खिलाड़ियों के लिए प्रेरणास्रोत है। एक छोटे से गांव से निकलकर अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश की कप्तानी संभालना उनके अथक परिश्रम, सादगी और संकल्प की मिसाल है।
हरियाणवी कप्तानों की परंपरा में दूसरा नाम
संजय से पहले पूर्व खेल मंत्री संदीप सिंह ही एकमात्र हरियाणवी खिलाड़ी थे जिन्हें भारतीय हॉकी टीम का कप्तान बनने का सम्मान मिला था। अब संजय ने उस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए यह गौरव हासिल किया है।