पूज्य गुरु जी के नामदान ने बदल दी इस शख्स की जिंदगी

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Sant Dr. Gurmeet Ram Rahim Singh ji Insan

पहले करता था खुद नशा, अब दूसरों के लिए बन रहा प्रेरणास्त्रोत

  • सुबह की शुरूआत होती थी नशे के साथ, अब होती है राम-नाम के साथ

सच कहूँ/राजू
ओढां। जिस व्यक्ति की सुबह नशे व सायं घर में झगड़े-क्लेश में बीतती थी। उसकी जिंदगी में एक ऐसा दौर आया जिसके बाद उसे नशे से ऐसी नफरत हुई कि वह अब न केवल लोगों के लिए प्रेरणास्त्रोत बना हुआ है बल्कि अनेक लोगों को राम-नाम से जोड़कर उनका नशा छुड़वा चुका है। उक्त व्यक्ति से जब सच-कहूँ संवाददाता राजू ओढां ने बातचीत की तो उसने अपनी पूरी कहानी बयां की।  (Sant Dr. Gurmeet Ram Rahim Singh ji Insan)

कच्ची शराब व पोस्त का सेवन करने के साथ बेचने का भी करता था धंधा

गांव लक्कड़ांवाली निवासी दर्शन सिंह संधू युवावस्था में ही नशे व गलत आदतों का शिकार हो गया था। वह घर में निकाली गई कच्ची शराब व पोस्त का सेवन करने के साथ-साथ बेचने का भी धंधा करता था। इसके अलावा उसे सट्टे व जुए जैसी काफी गलत आदतें भी लग गई थी। दर्शन की इन आदतों के चलते उसकी पत्नी अमरजीत कौर काफी परेशान रहने लग गई थी। खुद की करीब 6 एकड़ भूमि थी, लेकिन हर समय शराब व पोस्त के नशे में मशगूल रहने के चलते दर्शन सिंह की खेत में कोई रुचि नहीं थी।

नशें ने बना दिया था कंगाल, जमीन भी रखनी पड़ी थी गिरवी

नशे व उसकी आदतों ने घर को आर्थिक तंगी में इस कदर धकेल दिया कि उसकी जमीन भी गिरवी हो गई। उसकी पत्नी अपने छोटे-छोटे बच्चों को लेकर लोगों के खेतों में मजदूरी करने को विवश हो गई थी। दर्शन सिंह को परिजनों व रिश्तेदारों ने काफी समझाया, लेकिन उसने किसी की परवाह नहीं की। पुलिस उसके घर में अक्सर चक्कर लगाने लगी थी। दर्शन सिंह को लोग शराब बेचने के चलते ठेकेदार के नाम से बुलाने लगे थे।

रंग लाया पत्नी का धैर्य, पूज्य गुरु जी ने बदल दी जिन्दगी

दर्शन सिंह की पत्नी अमरजीत कौर ने धैर्य नहीं खोया। उसने डेरा सच्चा सौदा में जाकर पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां से गुरुमंत्र लिया। अमरजीत कौर घर में खाना-पीना नाम-सुमिरन के साथ बनाने लग गई। कुछ दिन बाद उसने दर्शन सिंह को यह कहते हुए सत्संग सुनने के लिए भेज दिया कि अगर उसे उचित लगे तो गुरुमंत्र ले लेना। पीछे से अमरजीत कौर ने पूज्य गुरु जी से विनती करते हुए दर्शन सिंह को सद्बुद्धि व गुरुमंत्र देने के लिए अरदास की। जिसके बाद दर्शन सिंह ने नाम-शब्द ले लिया। जिसके बाद उसने कच्ची शराब बनाने का सारा सामान फेंक दिया। उसने सारी गलत आदतें छोड़कर खुद को नाम-सुमिरन का अभ्यासी बना लिया।

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पूरा गांव हुआ अचंभित, अब सिर्फ राम-नाम की ही बात

दर्शन सिंह को नशा व गलत आदतें छोड़कर भक्ति मार्ग पर चलते देख पूरा गांव अचंभित हो गया। जो लोग उसे दर्शन सिंह ठेकेदार कहकर बुलाते थे वे उसे अब दर्शन प्रेमी के नाम से पुकारने लगे। दर्शन सिंह इन्सां अब पूरे गांव के लिए प्रेरणास्त्रोत बना हुआ है। उसने कई लोगों को राम-नाम से जोड़कर उन्हें नशे व बुराईयों से दूर किया। जो दर्शन सिंह कभी नादानी में डेरा सच्चा सौदा के लिए अनुचित बोलता था वो अब जहां बैठता है वहां सिर्फ राम-नाम की ही बात करता है।

राम-नाम ने कर दिए वारे न्यारे

पूज्य गुरु जी से नाम-शब्द लेने के बाद दर्शन सिंह के वारे न्यारे हो गए हैं। उसने न केवल नशा व बुराईयां छोड़ दीं बल्कि मानवता भलाई कार्यांे में भी धनराशि खर्च करता है। नाम-शब्द से जुडऩे के बाद उसकी आर्थिक स्थिति में तेजी से सुधार हुआ। दर्शन ने गिरवी रखी भूमि को छुड़वाकर और जमीन भी खरीद ली। जिस जमीन में फसल नहीं होती थी वो जमीन अब फसल के रूप में सोना उगलने लगी है। दर्शन सिंह की आर्थिक स्थिति में इतना बड़ा बदलाव देखकर पूरा गांव हैरान है। दर्शन सिंह का पूरा परिवार डेरा सच्चा सौदा में न केवल अटूट आस्था रखता है बल्कि पूज्य गुरु जी द्वारा चलाए जा रहे मानवता भलाई कार्यांे में भी बढ़-चढ़कर भाग लेता है। वह इस समय गांव लक्कड़ांवाली के आश्रम में रहकर सेवा कार्य संभालता है।


इनकी नशे की लत व गलत आदतों से मैं व मेरे बच्चे बहुत परेशान रहते थे। घर मेंं अक्सर क्लेश व अशांति रहती थी। स्थिति ये उत्पन्न हो गई कि कई बार तो मैं अपने बच्चों के साथ भूखे पेट ही सो जाती थी। जमीन की देखरेख न होने से फसल नहीं होती थी। ये हर समय नशे में धुत रहते थे। अगर पूज्य पिताजी न मिलते तो पता नहीं क्या हाल होता। पूज्य पिताजी ने हमारे परिवार पर ऐसी रहमत बरसाई कि हम उनका ऋण कभी नहीं उतार सकते। आज हमारा पूरा परिवार सेवा कार्यां में भाग लेता है। मैं तो पूज्य गुरु जी से यही विनती करती हूं कि पिताजी हमारे घर की तरह उन घरों पर भी रहमत करें जो लोग नशे व अन्य बुराईयों में पड़कर अपना घर बर्बाद कर रहे हैं।
-अमरजीत कौर इन्सां (दर्शन की पत्नी)
नाम शब्द से जुड़ने के बाद जिंदगी के मायने ही बदल गए हैं। पहले पता ही नहीं था कि जिंदगी इतनी सुहानी हो जाएगी। पूज्य गुरु जी ने मुझे पर बहुत बड़ा उपकार किया है। मैं उनका ऋण सैकड़ों जन्म लेकर भी नहीं उतार सकता। मैं उन लोगों से अपील करना चाहता हूं जो नशे व अन्य बुराइयों में पड़कर जिंदगी बर्बाद कर रहे हैं कि वे गुरुमंत्र लेकर राम-नाम का नशा करके देखें। ये नशा दुनियावी नशों पर भारी है।
– दर्शन इन्सां।

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