दोबारा लड़ना चाहती थीं चुनाव, भूपेंद्र हुड्डा ने पलटी बाज़ी
चंडीगढ़ (अनिल कक्कड़/सच कहूँ)। बेशक कुमारी सैलजा का राज्यसभा सदस्य का कार्यकाल समाप्त हो रहा और उन्हें दोबारा राज्यसभा जाने का मौका फिलहाल नहीं मिलने वाला, क्योंकि इस बार उनकी जगह कांग्रेस के दीपेंद्र हुड्डा राज्यसभा में प्रवेश करेंगे। लेकिन इन सबके बावजूद कुमारी सैलजा राज्यसभा में जारी प्रश्नकाल में हिस्सा लेते हुए सूखे से जूझ रहे दक्षिण हरियाणा का मुद्दा जोर-शोर से उठाया और केन्द्र सरकार से पूछा कि एसवाईएल का कार्य कब तक पूरा कर दक्षिण हरियाणा को पानी की कमी की समस्या से छुटकारा दिलाया जाएगा।
अब दीपेन्द्र हुड्डा संभालेंगे राज्यसभा में मोर्चा
बता दें कि सैलजा मौजूदा समय में कांग्रेस की प्रदेशाध्यक्ष हैं और भूपेंद्र हुड्डा के ‘एक व्यक्ति, एक पद’ विचार पर कांग्रेस के हाईकमान को मोहर लगानी पड़ी। वहीं सदन में अपनी बात रखते हुए कुमारी सैलजा ने कहा कि भू-जल का 99 प्रतिशत हिस्सा सिंचाई और घरेलू इस्तेमाल के लिए उपयोग किया जाता है और एक प्रतिशत उद्योगों में उपयोग होता है। हरियाणा प्रदेश और खासकर दक्षिण हरियाणा में पानी की कमी का बड़ा संकट पैदा हो गया है।
इस पर आज ही एक प्रमुख समाचार पत्र ने एक पूरे पेज की रिपोर्ट दी है। सिंचाई और पीने के पानी के लिए अब भू-जल को निकाला नहीं जा सकता, इसलिए अब नहरी पानी की बेहद ही जरूरत है। हरियाणा और दक्षिण हरियाणा को पानी की पूर्ति एसवाईएल नहर के पानी से होनी है। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश भी आ चुके हैं।
एसवाईएल के निर्माण पर केन्द्र से मांगा जवाब
कुमारी सैलजा ने केंद्र सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि केन्द्र सरकार बताए कि एसवाईएल का कार्य कब तक पूरा किया जाएगा और कब तक सूखे से त्रस्त दक्षिण हरियाणा को पानी की पूर्ति की जाएगी। रेवाड़ी जिले में भू-जल की समस्या उठाते हुए उन्होंने पूछा कि अभी हाल ही में भारत सरकार और वर्ल्ड बैंक के बीच भू-जल की समस्या से निपटने के लिए 450 मिलियन डॉलर के कर्ज का करार हुआ है, क्या इसमें रेवाड़ी जिले को भी शामिल किया गया है। क्या नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने सरकार से रेवाड़ी जिले के गांव में पीने का पानी उपलब्ध करवाने को कहा है, इसके बारे में जानकारी उपलब्ध करवाई जाए। क्या इस क्षेत्र में सरकार ने उद्योगों द्वारा भू जल के अधिक दोहन के बारे में संज्ञान लिया है।
केंद्र से नहीं मिला संतोषजनक जवाब
इसके बाद पत्रकारों से बातचीत में कुमारी सैलजा ने इस मुद्दे पर कहा कि राज्यसभा में उनके द्वारा पूछे गए प्रश्न का सरकार ने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया है। सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट आदेश है कि हरियाणा प्रदेश को एसवाईएल का पानी दिलाया जाए। लेकिन केंद्र की भाजपा सरकार ने इस विषय में अभी तक कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया है। प्रदेश सरकार भी इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए बैठी है। उन्होंने कहा कि आज तक इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक के लिए प्रधानमत्री ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को समय नहीं दिया है।
दीपेंद्र पहुंचेंगे राज्यसभा, सैलजा प्रदेश में ही होंगी सरगर्म!
राज्यसभा में दोबारा अपनी एंट्री के लिए कुमारी सैलजा ने खूब जोर लगाया, लेकिन प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं मौजूदा नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपने बेटे के राजनैतिक ग्राफ को केंद्र स्तरीय बनाने के लिए राज्यसभा की टिकट मांग ली और पूरा जोर लगाकर अपने बेटे को टिकट दिलवा दी। मौजूदा समय में हरियाणा में कांग्रेस के 31 विधायक हैं और राज्यसभा में पहुंचने के लिए 31 ही वोट चाहिएं, ऐसे में सैलजा द्वारा दीपेंद्र को बधाई देना और सैलजा गुट के विधायकों को दीपेंद्र के समर्थन में नामांकन के दौरान आना साफ दर्शाता है कि सैलजा हुड्डा के साथ बिगाड़ना नहीं चाहती और वे अब केन्द्र की राजनीति से प्रदेश की राजनीति की ओर सरगर्मी से रुख करेंगी।
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