सोने के गहनों पर भी नहीं डोला ईमान, वापस कर पेश की ईमानदारी की मिसाल

गोरीवाला। (सच कहूँ/अनिल) पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए साध-संगत हक हलाल की कमाई में ही अथाह आस्था रखती है। जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण दिया ब्लॉक दारेवाला के गांव सुकेराखेड़ा की आईटी विंग से जुड़ी सेवादार बहन लवली इन्सां धर्मपत्नी सुभाष इन्सां ने। दरअसल रविवार को लवली इन्सां एमएसजी पावन भंडारे में शिरकत करने के लिए राजस्थान के बुधरवाली में गई थी।

भंडारे के समापन के उपरांत जब लवली इन्सां खाद्य सामग्री लेने के लिए कैंटीन पर गई उसे वहां जमीन में धंसे सोने के टोप्स गिरे दिखे। इसके पश्चात लवली इन्सां ने तुरंत उनको उठाया और अनाउंसमेंट समिति के सेवादारों को सौंप दिए। जिसके पश्चात अनाउंसमेंट समिति के सेवादारों ने सोने के आभूषणों की स्पीकर में आवाज लगाई और बाद में संबंधित बहन अपने आभूषण सेवादारों से ले गई।

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