सरसा का रिंकू दिखा रहा क्रिकेट में शानदार जौहर

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Sirsa News: सरसा का रिंकू दिखा रहा क्रिकेट में शानदार जौहर

बुलंद हौंसले: 7 साल की उम्र में करंट लगने से गंवाया हाथ, लेकिन नहीं छोड़ी उम्मीद

  • 38 साल की उम्र में बने हरियाणा की दिव्यांग क्रिकेट टीम का हिस्सा
  • उत्तराखंड को हराकर जीती पहली अमित सिंगला दिव्यांग क्रिकेट ट्रॉफी

सरसा (सच कहूँ न्यूज)। Rinku Cricketer: मौजूदा आईपीएल सीजन में और टी20 क्रिकेट की दुनिया में क्रिकेटर रिंकू सिंह का नाम धू्रव तारे की तरह चमक रहा है। वहीं सरसा में भी क्रिकेट के एक ऐसे ही खिलाड़ी हैं जिनका नाम रिंकू है और उन्होंने भी क्रिकेट के खेल में शानदार प्रदर्शन करते हुए जिले का नाम रोशन किया है। खास बात यह है कि रिंकू दिव्यांग हैं और वे हरियाणा की दिव्यांग क्रिकेट टीम का हिस्सा हैं। Sirsa News

सरसा के इस खिलाड़ी रिंकू भाटिया ने हरियाणा की दिव्यांग क्रिकेट टीम से खेलते हुए हाल में बद्दी, हिमाचल में हुई प्रथम अमित सिंगला दिव्यांग क्रिकेट ट्रॉफी में फाइनल मैच में उत्तराखंड की टीम को हरा कर कप जीतने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बता दें कि सरसा से रिंकू उर्फ सुधीर भाटिया पहले शख्स हैं जो हरियाणा की दिव्यांग क्रिकेट टीम का हिस्सा बने हैं। बता दें कि 38 वर्षीय रिंकू भाटिया को 1992 में बिजली का करंट लगने की वजह से अपना दायां हाथ गंवाना पड़ा। इस हादसे से पहले रिंकू राइट हैंडिड थे। वे लिखते भी राइट हैंड से थे और क्रिकेट भी राइट हैंड से ही खेलते थे।

लेकिन इस हादसे में अपना दायां हाथ गंवाने के बाद रिंकू ने हौंसला नहीं छोड़ा और बाएं हाथ से लिखना और खेलना शुरू कर दिया। रिंकू ग्रेजुएट हैं और सिरसा में मोबाइल शॉप चलाते हैं। बकौल रिंकू जीवन इस हादसे के बाद रुक सा गया था। वह कई महीनों पर बिस्तर पर पड़ा रहा और असहनीय दर्द सहता रहा। लेकिन उसने सोच लिया था कि वह जिंदगी में हार नहीं मानेगा। इस दौर में रिंकू के परिजनों ने उसका पूरा साथ दिया और उसे हील होने में मदद की। रिंकू शादीशुदा हैं और उनके दो बच्चे हैं। रिंकू चाहते हैं कि उनका एक बेटा तो क्रिकेटर ही बने।

सचिन तेंदुलकर को मानते हैं अपना आइडल | Sirsa News

सचिन तेंदुलकर को अपना आइडल मानने वाले रिंकू कहते हैं कि क्रिकेट के लिए उनकी माता और उनकी पत्नी ने उन्हें बहुत प्रेरित किया। रिंकू ने बताया कि दिव्यांग क्रिकेट टीम के लिए ट्रॉयल देने के लिए वो मानसिक तौर पर तैयार नहीं थे लेकिन उनकी पत्नी और उनकी माता ने उन्हें बहुत हौंसला दिया और वे ट्रॉयल में पास होकर हरियाणा दिव्यांग क्रिकेट टीम का हिस्सा बने। रिंकू कहते हैं कि वे अपनी फिटनस पर और काम करेंगे और अपनी गेम को भी और शॉर्प करेंगे ताकि वे जल्द भारतीय टीम का हिस्सा बन सकें।

पीसीसीआई अध्यक्ष ने दी बधाई

वहीं रिंकू की ंइस उपलब्धि पर फिजीकली चैलेंजड क्रिकेट एसोसिएशन आॅफ इंडिया (पीसीसीआई) के राष्टÑीय अध्यक्ष सुरेंद्र लोहिया ने बधाई दी और कहा कि आगामी विश्व विकलांग दिवस पर दिव्यांग आईपीएल का आयोजन किया जाएगा जिसमें तमाम राज्यों के दिव्यांग खिलाड़ी हिस्सा लेंगे। लोहिया ने बताया कि वर्ष 2011 में एक दिव्यांग टीम से इस मुहिम की शुरुआत की गई थी जो कि अब 28 राज्यों में दिव्यांग क्रिकेट टीमों के गठन तक पहुंच गई है।

इस वक्त 3 हजार से अधिक दिव्ययांग खिलाड़ी विभिन्न प्रतियोगिताओं के लिए मेहनत कर रहे हैं। वहीं उन्होंने बताया कि दिव्यांग क्रिकेटर्स की मदद के लिए बीसीसीआई ने भी सहायता दी है और खिलाड़ियों के खातों के सीधे सहायता राशि भी डाली गई है। Sirsa News

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