मीठीबाई क्षितिज व रोटरी क्लब ऑफ मुंबई सिटी लाया वंचित बच्चों के चेहरों पर मुस्कान

Mithibai College
मीठीबाई क्षितिज व रोटरी क्लब ऑफ मुंबई सिटी लाया वंचित बच्चों के चेहरों पर मुस्कान

मुंबई। बीती 14 अक्टूबर को मीठीबाई कॉलेज  (Mithibai College) का सेमिनार हॉल ख़ुशी व उत्साह का गवाह बना, वजह थी टीम क्षितिज ने रोटरी क्लब ऑफ मुंबई सिटी के सहयोग से वंचित बच्चों के लिए बहुप्रतीक्षित भारत-पाकिस्तान विश्व कप मैच की लाइव स्क्रीनिंग की मेजबानी की। बच्चों को ख़ुशी देने का यह नेक कार्य वाक्य ही दोनों सहयोगी टीम के लिए अविस्मरणीय अनुभव रहा।

टीम की प्रतिनिधि ने सच कहूं संवाददाता को बताया कि इस सहयोगात्मक प्रयास का उद्देश्य समाज के इन वंचित बच्चों के बीच अपनेपन की भावना को बढ़ावा देते हुए ख़ुशी पल देना रहा। एक बार मैच शुरू होने के बाद, उनके चेहरों पर चमकती मुस्कान व उत्साह देखने योग्य थी, जिससे आयोजन स्थल जोरदार जयकारों और शोर-शराबे से भरे मैदान में बदल गया।

प्रतिनिधि ने आगे बताया कि लगातार इन जयकारों के बीच नृत्य और पेंटिंग का आनंद लेते हुए बच्चे पूरे दिन मनमोहक गतिविधियों में लगे रहे। कार्यक्रम की शोभा बढ़ाते हुए, कॉलेज के गणमान्य लोगों ने बच्चों तथा टीम सदस्यों के साथ मिलकर केक काटा और एकजुटता की इस भावना का जश्न मनाया।

इस पहल पर मीठीबाई कॉलेज (Mithibai College) की प्रिंसिपल कृतिका देसाई ने कहा कि “हमें इस कार्यक्रम के जरिये इन बच्चों का स्वागत करते हुए बहुत ख़ुशी हो रही है तथा साथ टीम द्वारा मिलकर एक बेहतर समाज में योगदान देने पर बहुत गर्व है।”

क्षितिज 23 की चेयरपर्सन प्रिशा ठाकर ने कहा कि वह टीम क्षितिज की इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए प्रशंसा करती हैं, यह गर्मजोशी भरा व स्थायी यादों से भरा दिन है तथा अर्थपूर्ण कार्यों की दिशा में एक बेहतर कदम है। रोटरी क्लब ऑफ मुंबई सिटी के अध्यक्ष विकास अग्रवाल ने कहा, “आज के युवाओं को इस तरह की पहल और सकारात्मक दिशा में प्रगति करते हुए देखना बेहद उत्साहजनक है।”

इस जीवंत कार्यक्रम का समापन करते हुए, टीम ने आरसीएमसी के प्रतिनिधियों को स्मृति चिन्ह भेंट किए, जिसके बाद टीम क्षितिज की तरफ द्वारा बनाये उत्साह भरे माहोल में बच्चे गर्व से झूम उठे और राष्ट्रगान बजते ही सभी ने तिरंगे को सलाम किया। टीम क्षितिज तथा रोटरी क्लब ऑफ मुंबई सिटी के उत्साह और अपनेपन का यह नेक कार्य वाक्य ही इन बच्चों पर सकारात्मक प्रभाव डाला, जिससे समाज को सहानुभूति और एकजुटता विकसित करने की प्रेरणा मिलेगी।

यह भी पढ़ें:– Uric Acid: बिना दवाई के ऐसे कम करें यूरिक ऐसिड