Deepawali पर पूज्य गुरु जी के स्पेशल वचन

Morbi News

बरनावा। पूज्य गुरु जी ने आॅनलाइन सत्संग करते हुए फरमाया कि (Deepawali) यह त्योहार के दिन बड़ी खुशियां व उमंग लेकर आते है। लेकिन इन्सान इनके मीनिंग, मतलब को नहीं समझ पाता। दीपवाली या दीपावली का शब्द दीपा प्लस अवली से मिलकर बना है जिसका शाब्दिक अर्थ दीपों की अवली अर्थात दीयों की कतार या पंक्ति से है। दीवाली हर कोई मनाता है, लेकिन हमने देखा है कि रामजी के पदचिन्हों पर चलने वालों की कमी है और रावण सबके अंदर जागा हुआ है। दीपावली में रोशनी जगाई जाती है और यह सबको पता है कि बुराई पर अच्छाई की जीत का वो दिन जब रामजी अयोध्या वापिस आए थे, घर-घर दिये जले,खुशी मनाई गई। तो उसी त्यौहार को दीपावली के रूप में मनाया जाता है। लेकिन बड़े दर्द की बात है, दुख की बात है कि आज लोग इन दिनों में जुआ खेलते है, नशे करते है, बुरे कर्म करते है और मनुष्य इसी को कहता है कि हम त्योहार को इंजॉय कर रहे है, त्योहार को मना रहे है। पूज्य गुरु जी ने कहा कि यह कोई त्योहार को मनाने का तरीका नहीं है। त्योहार जिस लिए बने थे, आज कलियुगी इन्सान उससे बहुत दूर हो चुका है। इन्सान को समझ ही नहीं आ रही कि कैसे त्योहार को मनाया जाए।

पूज्य गुरु जी को लेकर, हिमाचल प्रदेश में परिवहन मंत्री ने दिया बड़ा ब्यान

पूज्य गुरु जी ने बताया कि हम दीपावली पर्व पर घी के दीये जलाते थे और पटाखे वगैरहा भी बजाते थे। लेकिन आज का दौर, जिसमें जनसख्यां बहुत बढ़ गई है, आज के समय में पेड़ बहुत कट गए है, पानी बहुत नीचे चला गया है, इसलिए हो सकता है पहले पेड़ बेइंतहा हो और जो पटाखे चलते थे, उनसे जो प्रदूषण होता था, वो जल्दी खत्म हो जाता था। पर आज प्रदूषण पहले ही बहुत ज्यादा बढ़ा हुआ है। इतनी फैक्ट्रियां हैं, इतनी गाडिय़ा चलती है, यानि आगे से कई गुणा ज्यादा ये सब कुछ हो चुका है, तो नेचुरली जब आप पटाखे चलाओंगे तो थोड़ा प्रदूषण तो बढ़ता ही है। लेकिन हमें आज तक यह समझ कभी नहीं आई कि जब पटाखे चलाते है तो उन्हें रोका जाता है। मगर जिन फैक्ट्रियोंं का धुंआ सारी सारी रात और दिन प्रदूषण फैलाता है, उनका फिल्ट्रेशन करने की कोई बात नहीं करता। पूज्य गुरु जी ने कहा कि होली और दीवाली पर ही लोगों को प्रदूषण की याद आती है। पूज्य गुरु जी ने यह भी कहा कि हम इस हक में भी नहीं है कि आप पटाखे चलाकर प्रदूषण फैलाए, लेकिन हम इस हक में भी नहीं है कि इन त्योहारों में खुशी ना मनाए। पूज्य गुरु जी ने कहा कि पटाखों से तो सिर्फ एक दिन की प्रदूषण होता है, लेकिन फिर भी जो मीटर है पॉल्यूशन वाले वो रोजाना ही 300, 500, 1000 तक पहुंचे रहते है। लेकिन तब तो कोई नहीं रोकता प्रदूषण फैलाने वालों को रोकने से।

हिंदु धर्म के त्योहारों पर ही निशाना क्यों साधा जाता है | Deepawali

पूज्य गुरु जी ने कहा कि अफसोस की बात है कि सभी का मुख्य फोक्स जो हमारे धर्मो के त्योहार है, उनपर ज्यादा रहता है। हम सदा सच्ची बात आप लोगों के बीच में रखते है। हम सभी धर्मो को मानते है, हमने सभी धर्मो में देखा है कि ज्यादातर में देवी-देवताओं, फरिश्तों की इज्जत की जाती है, सत्कार किया जाता है। लेकिन हमारे हिंदु धर्म में हमें बड़ा दर्द होता है, जब हमारे देवी-देवताओं के रूप धारण करके कोई रोड पर भीख मांग रहा है तो कोई हमारे देवी-देवताओं के फिल्मों में रूप धारण करके उनकी बेइज्जती कर रहा है। इससे हमें दुख होता है। क्या इनके लिए कानून अलग अलग है, क्योंकि सभी का देश तो एक ही है। बाकी धर्मो में तो देवी देवताओं की बेइज्जती नहीं की जाती। सिर्फ हिंदु धर्म की बेइज्जती क्यों की जाती है। हिंदु धर्म के त्योहारों पर ही निशाना क्यों साधा जाता है। आज तक हम यह नहीं समझ पाए है।

अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और TwitterInstagramLinkedIn , YouTube  पर फॉलो करें

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here