सबसे नि:स्वार्थ प्रेम करो
जो लोग आपस में बेगर्ज, नि:स्वार्थ भावना से प्यार-मोहब्बत करते हैं वो एक तरह से अल्लाह, वाहेगुरु, गॉड, खुदा, रब्ब से प्यार करते हैं। जिनके अंदर प्यार नहीं होता, वो जीते हुए भी मुर्दे के समान हैं और जिनके अंदर प्यार होता है वो मुर्दे भी जिंदा हो जाते हैं।
दृढ़ यकीन से ही मिलेंगी खुशियां : पूज्य गुरु जी
यह कलियुग है, यहां बुराई का बोलबाला है, बुरे कर्म इन्सान करता है, गलत बोलता है, गलत सोचता है। मन हमेशा इन्सान को बुरे विचार देता रहता है, बुरी सोच देता रहता है। मन काबू तभी आएगा जब आप राम नाम से जुड़ जाएंगे।
टैंशन से नहीं, सुमिरन व दृढ़ विश्वास से मिलती है सफलता
पूज्य गुरु जी फरमाते हैं कि कोई भी टैंशन लेने से या दिमाग में बोझ डालने से किसी काम में सफलता नहीं मिलती। मेहनत करना आपका कर्तव्य है, फल देना भगवान का काम है। आप सुमिरन करो और मालिक से सब का भला मांगो तो मालिक आपका भला जरूर करेंगे।
गुरुमंत्र देता है आत्मिक तौर पर मजबूती
पूज्य गुरु जी फरमाते हैं कि किसी और के लिए नहीं अपने लिए ही सुमिरन करो ताकि आने वाली बीमारियों से बचे रह सको, आने वाली परेशानियों से बचा जा सके।
अनमोल वचन: भयानक पाप-कर्मों से बचाता है सत्संग
सत्संग सुनकर अमल करने का मतलब है कि आप नाम जपो, मालिक की औलाद से नि:स्वार्थ भावना से प्यार करो, कभी भी किसी का दिल न दुखाओ।

























