
मीरापुर (सच कहूं/कोमल प्रजापति)। Miranpur News: शिखर शिक्षा सदन सीनियर सेकेंडरी स्कूल, मीरापुर में हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद जी की जयंती के उपलक्ष्य में स्पोर्ट्स डे का भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर पर विद्यालय के विभिन्न कक्षाओं के छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लेकर अपनी प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय के चेयरमैन सुशील कुमार शर्मा ने किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि खेल न केवल शारीरिक और मानसिक विकास में सहायक हैं, बल्कि जीवन में अनुशासन और एकाग्रता भी प्रदान करते हैं।
विद्यालय की मैनेजर शिखा शर्मा ने बच्चों को आशीर्वचन देते हुए कहा कि छात्र शिक्षा के साथ-साथ खेलों में भी उत्कृष्टता प्राप्त कर सकते हैं और दोनों क्षेत्रों में संतुलन बनाकर ही सम्पूर्ण विकास संभव है। Miranpur News
इस अवसर पर मुख्य अतिथि सिद्धार्थ राजवंशी और वेद प्रकाश आर्य (भट्टे वाले) ने भी बच्चों का उत्साहवर्धन किया। उन्होंने कहा कि खेल जीवन में आत्मविश्वास, परिश्रम और समर्पण की भावना को मजबूत करते हैं।
प्रधानाचार्य पुनीत राजदूत ने मेजर ध्यानचंद जी के बारे में बताते हुए कहा कि उन्हें भारत का हॉकी जादूगर कहा जाता है। उन्होंने तीन ओलंपिक खेलों (1928, 1932 और 1936) में भारत को स्वर्ण पदक दिलाकर देश का गौरव बढ़ाया। खेल के प्रति उनकी निष्ठा और अनुशासन आज भी सभी के लिए प्रेरणास्रोत हैं। इसी कारण उनके जन्मदिवस को भारत में राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है।
प्रतियोगिताओं के परिणाम इस प्रकार रहे | Miranpur News
कक्षा 1: मेंढक दौड़ – लड़के: ताविश (1-सी), लड़कियाँ: माहिरा (1-ए)
कक्षा 2: बैकवर्ड रेस – लड़के: विशेष (2-ए), लड़कियाँ: वैष्णवी (2-सी)
कक्षा 3: मेंढक दौड़ – लड़के: शौर्य (3-बी), लड़कियाँ: आफिया (3-बी)
कक्षा 4: वन लेग रेस – लड़के: सफी (4-बी), लड़कियाँ: फिजा (4-बी)
कक्षा 5: बैकवर्ड रेस – लड़के: रक्षित (5-ए), लड़कियाँ: आर्या व आफिया (5-बी)
कक्षा 6: लेमन दौड़ – लड़के: अमीर हमज़ा (6-ए), कैफ़ (6-बी); लड़कियाँ: नव्या (6-ए)
कक्षा 7: 100 मीटर दौड़ – लड़के: अमरजीत (7-बी), लड़कियाँ: अंजनी (7-ए) व लवि (7-ए)
कक्षा 8: 200 मीटर दौड़ – लड़के: कृष्णा; लड़कियाँ: रिधिमा व गुरुमंदीप
छात्र-छात्राओं ने खेलों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और अपने उत्साह, उमंग व खेल कौशल से सभी का मन मोह लिया | Miranpur News
इस अवसर पर निदेशक राजेश शर्मा ने कहा कि खेल से अनुशासन और टीमवर्क की भावना विकसित होती है। वहीं, प्रधानाचार्य पुनीत राजपूत ने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि खेल जीवन में लक्ष्य प्राप्ति का एक महत्वपूर्ण साधन है और इसके माध्यम से नई ऊँचाइयों को छुआ जा सकता है।
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