आनंदपाल एनकाऊंटर मामला : पोस्टमार्ट के लिए नहीं आए परिजन

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चूरू (सच कहूँ न्यूज)। राजकीय डेडराज भरतीया अस्पताल की मोर्चरी में आनंदपाल सिंह के शव का फिर पोस्टमार्टम शुरू किया गया। लेकिन आनंदपाल सिंह के घर से ना तो कोई वकील मोर्चरी में पहुंचा और न ही कोई परिजन। इसके कारण पुलिस ने सवा तीन बजे पोस्टमार्टम शुरू करा दिया गया। पुलिस अधीक्षक राहुल बारहट ने बताया कि पोस्टमार्टम शुरु करने से पाहले माइक व फोन से आनंदपाल के परिजनों व वकील को सूचना दी गई लेकिन कोई परिजन मौके पर नहीं पहुंचा। कोर्ट के आदेश की पालना करते हुए फिर पोस्टमार्टम शुरू करवा दिया गया है।

शरीर के 30 एक्स-रे किया

छह दिन पुराना शव होने के कारण भंयकर रूप से बदबू आ रही है। इसके कारण बोर्ड सदस्यों को काफी परेशानी हुई। इसके लिए स्पेशल परफ्यूम मंगवाया गया। पोस्टमार्टम से पहले पूरी शरीर के 30 एक्स-रे किए गए।

बोर्ड में बीकानेर व चूरू के डाक्टर शामिल

मेडिकल बोर्ड में बीकानेर से फॉरेंसिक एक्सपर्ट डा. संजीव गुरी, डा. शैलेन्द्र सारण तथा चूरू से पीएमओ सर्जन जेएन खत्री, न्यूरो सर्जन डा. मनीराम डूडी, आॅथोपीडिक्स डा. आनंदप्रकाश शर्मा व एक अन्य डाक्टर शामिल हैं।

लाडनूं में धारा 144 लागू

इधर लाडनूं के सांवराद में करणी सेना के कार्यकर्ताओं का धरना जारी है। लाडनूं में भी प्रशासन ने धारा 144 लागू कर दिया है। सुजानगढ़ में भी करणी सेना व राजपूत समाज के लोगों सहित कई अन्य ने एसडीएम को ज्ञापन देकर आंनंदसिंह के परिजनों को न्याय दिलाने की मांग की और बिना वजह के फंसाए गए रिश्तेदारों को रिहा किया जाए। इसके अलावा जिले में तनाव बढ़ता जा रहा है। हर कस्बे व शहर में अतिरिक्त पुलिस जाप्ता लगा दिया गया है।

अदालत ने दिया था फिर से पोस्टमार्टम का आदेश

स्थानीय अदालत ने पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे गए अपराधी आनंदपाल सिंह के शव का फिर से पोस्टमार्टम करने के आदेश दिए थे। अधिवक्ता एपी सिंह ने बताया कि रतनगढ़ की अतिरिक्त जिला अदालत ने पुलिस मुठभेड में मारे गए अपराधी आनंदपाल सिंह के शव का पोस्टमार्टम फिर से कराने के आदेश दिए हैं।

अदालत के आदेश पर, मुठभेड़ में मारे गए अपराधी आनंदपाल सिंह के शव का पोस्टमार्टम चूरू के जिला मुख्यालय के राजकीय अस्पताल में करवाया गया। रतनगढ़ अस्पताल ए श्रेणी का नहीं होने के कारण पोस्टमार्टम के लिए शव को चूरू अस्पताल ले जाया गया। अदालत ने यह आदेश एक मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए आदेश की अनुपालना में दिया था।

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