Air Pollution: नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने मंगलवार को कटाई के मौसम में पंजाब और हरियाणा में धान की पराली जलाने की घटनाओं में भारी गिरावट दर्ज की। आयोग ने पिछले वर्ष की तुलना में पराली जलाने की घटनाओं में कमी की रिपोर्ट करते हुए बताया कि इस वर्ष 15 सितंबर से 3 नवंबर के बीच पंजाब में पराली जलाने की 2,518 घटनाएँ दर्ज की गईं, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की 4,132 घटनाओं से लगभग 40 प्रतिशत कम है। वहीं, हरियाणा में भी धान की पराली जलाने की घटनाओं में काफी अधिक गिरावट देखी गई, जहाँ 2024 में 857 मामले थे, इस वर्ष 145 मामले दर्ज किए गए।
उल्लेखनयी है कि आयोग ने चंडीगढ़ में एक प्रकोष्ठ खोला है और पंजाब और हरियाणा में 31 उड़न दस्ते भी तैनात किए हैं। आयोग ने पंजाब में 2,161 और हरियाणा में 121 जाँच अभियानों में अब तक पंजाब में 52.75 लाख रुपये और हरियाणा में 3 लाख रुपये का पर्यावरण क्षतिपूर्ति (ईसी) जुमार्ना लगाया है। कृषि अपशिष्ट जलाने पर प्रतिबंध का उल्लंघन करने के लिए भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के तहत किसानों के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज की गई है। पंजाब में सोमवार तक दर्ज की गई प्राथमिकियों की संख्या 946 थी, जबकि हरियाणा में 42 मामले दर्ज किए गए। आयोग ने राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण कम करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की एजेंसियों द्वारा उठाए गए कदमों का भी उल्लेख किया। दिवाली की पूर्व संध्या को शहर में चरण2 श्रेणीबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना (जीआरएपी) को लागू किया गया था। गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली में गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एक नवंबर से भारत स्टेज-3 और उससे नीचे के उन सभी वाणिज्यिक मालवाहक वाहनों के शहर में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिनका पंजीकरण दिल्ली में नहीं हुआ है। दिल्ली की वायु गुणवत्ता में मंगलवार को थोड़ा सुधार देखा गया। दिल्ली का 24 घंटे का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स 291 रहा, जो सोमवार के औसत 309 से थोड़ा बेहतर है। इस दिन दिल्ली की वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ से ‘खराब’ श्रेणी में आ गयी।















