Supreme Court: उच्चतम न्यायालय ने राम सेतु मामले में केंद्र को नोटिस जारी किये

Supreme Court
Supreme Court: उच्चतम न्यायालय ने राम सेतु मामले में केंद्र को नोटिस जारी किये

नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। Supreme Court: उच्चतम न्यायालय ने राम सेतु को राष्ट्रीय स्मारक का दर्जा देने और राष्ट्रीय महत्व के प्राचीन स्मारक के रूप में मान्यता देने के आग्रह वाली पूर्व राज्यसभा सांसद डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी की एक जनहित याचिका पर शुक्रवार को केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने यह आदेश पारित किया। श्री स्वामी चिकित्सा कारणों से सुनवाई के समय उपस्थित नहीं हो सके और पीठ के समक्ष उनका प्रतिनिधित्व वरिष्ठ वकील विभा मखीजा ने किया। Supreme Court

याचिका में राम सेतु को राष्ट्रीय स्मारक का दर्जा देने और राष्ट्रीय महत्व के प्राचीन स्मारक के रूप में मान्यता देने के लिए भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से सर्वेक्षण कराने का निर्देश केंद्र सरकार को देने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि केंद्र सरकार राम सेतु को दुरुपयोग, प्रदूषण या अपवित्रता से बचाने के लिए बाध्य है। राम सेतु उन श्रद्धालुओं के लिए “आस्था और श्रद्धा का विषय” है जो इसे तीर्थस्थल मानते हैं।

उल्लेखनीय है कि डॉ. स्वामी इससे पहले भी उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर कर चुके हैं जिसमें उन्होंने सेतु समुद्रम परियोजना के लिए वैकल्पिक मार्ग की मांग की थी, ताकि राम सेतु को जल क्षेत्र में होने वाली खुदाई, मलबे को एकत्र करने की प्रकिया( ड्रेजिंग) से होने वाले नुकसान से बचाया जा सके। यह याचिका न्यायालय में लंबित है। इस योजना में मन्नार और पाक जलडमरूमध्य को जोड़ने वाला 83 किलोमीटर लंबा नौवहन चैनल का निर्माण प्रस्तावित था। पर्यावरण और अन्य विशेषज्ञों ने इस कार्य से यहां की भौगोलिक संरचना पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका जाहिर की थी।

न्यायालय ने जनवरी 2023 में, राम सेतु को राष्ट्रीय धरोहर का दर्जा देने की मांग वाली एक याचिका पर विचार किया था। उस समय, केंद्र ने सूचित किया था कि संस्कृति मंत्रालय इस मामले पर विचार कर रहा है, और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुझाव दिया था कि इसके लिए डॉ. स्वामी, मंत्रालय के समक्ष एक अभ्यावेदन प्रस्तुत करें। डॉ. स्वामी ने 27 जनवरी, 2023 और 13 मई, 2025 को अभ्यावेदन प्रस्तुत करने के बाद अब न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है, जिसमें कहा गया है कि मंत्रालय ने कोई कार्रवाई नहीं की है।

विदित हो कि राम सेतु, को आदम का पुल के नाम से भी जाना जाता है। यह पुल तमिलनाडु में रामेश्वरम के पास पंबन द्वीप से श्रीलंका के उत्तरी तट पर मन्नार द्वीप तक फैली चूना पत्थर चट्टानों की एक श्रृंखला है। इस पुल का अत्यधिक धार्मिक महत्व है और इसका धार्मिक ग्रंथ रामायण में उल्लेख मिलता है। Supreme Court

यह भी पढ़ें:– खरखौदा के भाजपा विधायक पर भड़के गोहाना के पूर्व विधायक, अपने कार्यकाल का दिया लेखा-जोखा