Gyanvapi Survey: ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे

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काशी विश्वनाथ का मूल मंदिर जिसके शीर्ष पर 'ज्ञानवापी' मंदिर है।

Gyanvapi Survey: सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद मामले में भारतीय पुरातत्व सर्वे (एएसआई) को सर्वे करने की अनुमति दे दी है। यह मामला संवेदनशील है, अदालत ने सर्वे की बात कही है जो वैज्ञानिक व तर्कपूर्ण है। पुरातत्व विभाग इतिहास की बारीकियों को वैज्ञानिक ढंग तरीके के साथ देखता है। सर्वे को किसी भी वर्ग की जीत या हार के रुप में नहीं देखा जा सकता। सर्वे की रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए। पुरातत्व विभाग सरकारी विभाग है जो तथ्यों को गहराई से देखता है। सभी वर्गों को चाहिए कि जब तक रिपोर्ट नहीं आ जाती या अदालत का फैसला नहीं आ जाता तब तक किसी भी तरह की टिप्पणी करने से गुरेज करना चाहिए।

श्री राम चंद्र जन्मभूमि मामले में मुकदमे की पैरवी करने वालों दोनों पक्षों ने जिस तरह से सदभावना का सबूत दिया वह अपने आप में एक मिसाल थी। मुकदमे के सभ्य संबंधित दोनों पक्षों के नेता इकट्ठे अदालत में जाते थे और अदालत के बाहर चाय की दुकानों पर इकट्ठे बैठकर चाय-पानी भी लेते थे।

ज्ञानवापी मस्जिद मामले में भी दोनों पक्षों को शांति और प्रेम-प्यार और सदभावना का सबूत देना चाहिए। बिना मतलब की ब्यानबाजी से गुरेज करके पुरातत्व विभाग की निपुन्नणता और निष्पक्षता पर यकीन करते हुए वैज्ञानिक और ऐतिहासिक सच्चाई को जानने के लिए इंतजार करना चाहिए। मंदिर और मस्जिद की सांझ क्या है यह तो अदालत का फैसला बताएगा परंतु यह संदेश तो जरुर जाता है कि पुराने समय में भी अलग-अलग धार्मिक भाईचारों में प्रेम-प्यार और सांझ रही होगी।

आज भी चंद लोग ही शरारती हैं जो किसी साजिश का हिस्सा बनकर समाज में धार्मिक सांझ और प्रेम-प्यार में विघ्न डालते हैं, नहीं तो मुसलमानों द्वारा कावड़ियों पर फूलों की वर्षा करना और जन्मष्टमी की झांकियों में मुसलमान व्यक्ति का वाहन चलाना ऐसी मिसालें हैं जो स्थानीय स्तर पर भाईचारक सांझ की मजबूती को पेश करती हैं। इसी तरह हिंदू भाईचारे के लोग ईद की बधाइयां देते हैं।

वास्तव में सियासत और विदेशी चालों ने धार्मिक मुद्दों को इतना पेचदार और खतरनाक बना दिया है कि धर्म के नाम पर दंगे-फसाद सुनकर दूर-दराज क्षेत्रों में प्रेम-प्यार के साथ रह रहे हिंदू-मुसलमान सिर पकड़ कर बैठ जाते हैं कि धर्मों के नाम पर लड़ाई कहां से आ गई। सियासी नेताओं, सामाजिक व धार्मिक संगठनों के नेता देश विरोधी ताकतों को कामयाब न होने दें, इसके लिए आपसी प्यार और भाईचा ही सबसे बड़ी ताकत है। Gyanvapi Survey

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