
खरखौदा (सच कहूँ/हेमंत कुमार)। Kharkhoda News: वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों एवं सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड द्वारा लागू ग्रेप-4 की पूर्ण पालना करने के लिए जिला प्रशासन की 19 टीमों ने 500 से ज्यादा औद्योगिक प्रतिष्ठानों की जांच की। उपायुक्त सुशील सारवान के नेतृत्व में जिले के चारों उपमंडल अधिकारियों एसडीएम सोनीपत सुभाष चंद्र, एसडीएम गोहाना अंजलि क्षोत्रिया, एसडीएम खरखौदा निर्मल नागर, एसडीएम गन्नौर प्रवेश कादियान एवं एमडी शुगर मील संजय कुमार व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की अगुवाई में कुल 19 संयुक्त टीमें गठित की गईं। इन टीमों में 70 से अधिक वरिष्ठ अधिकारी तथा भारी पुलिस बल शामिल रहे। राई रेस्ट हाउस में सभी अधिकारी एवं पुलिस बल एकत्रित हुए।
उपायुक्त सुशील सारवान ने सभी टीमों को दिशा-निर्देश दिए तथा तत्काल कार्रवाई हेतु रवाना किया। राई रेस्ट हाउस को अस्थायी कंट्रोल रूम बनाया गया, जहाँ उपायुक्त सहित सभी वरिष्ठ अधिकारी पल-पल की जानकारी लेते रहे। टीमों ने पूरे जिले में फैले उन सभी औद्योगिक इकाइयों का सघन निरीक्षण किया, जिन पर प्रदूषण फैलाने के आरोप थे या जो निर्धारित मानकों का पालन नहीं कर रहे थे। निरीक्षण के दौरान प्रदूषण नियंत्रण उपकरणों की कार्यप्रणाली, ईंधन के प्रकार, एमिशन मानकों की पालना आदि की गहन जाँच की जा रही है। उपायुक्त कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बढ़ते वायु प्रदूषण के मद्देनजर किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सभी प्रदूषणकारी इकाइयों पर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी तथा ग्रेप-4 के प्रावधानों का अक्षरश: पालन सुनिश्चित किया जाएगा। जिला प्रशासन आमजन से भी अपील करता है कि वह प्रदूषण नियंत्रण में अपना सहयोग देते हुए किसी भी प्रकार की प्रदूषणकारी गतिविधि की सूचना तुरंत संबंधित अधिकारियों को दें। Kharkhoda News
ऐक्यूआई 450 से ऊपर ’गंभीर’ श्रेणी में पहुंचने पर की गई कार्रवाई
उपायुक्त सुशील सारवान ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सर्दियों के मौसम में तेजी से बिगड़ती वायु गुणवत्ता को देखते हुए, सुप्रीम कोर्ट के आदेशों एवं कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट द्वारा संचालित ग्रेप-4 को सक्रिय किया गया है। यह चरण तब लागू होता है जब (ऐक्यूआई) 450 से ऊपर ’गंभीर’ श्रेणी में पहुँच जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक है। हालांकि सोनीपत का एक्यूआई पिछले कई दिनों से 450 से ऊपर बहुत खराब श्रेणी का था।
पूरा दिन चला अभियान, प्रत्येक उद्योग की सघनता से की गई जांच
सोनीपत जिला प्रशासन ने ग्रेप-4 की पूर्ण पालना सुनिश्चित करने के लिए गुरूवार को राई रेस्ट हाउस से अभियान शुरू किया है, जिसमें प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों पर बड़े स्तर पर छापेमारी एवं सघन निरीक्षण किया जा रहा है। यह कार्रवाई कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजंमेंट (सीएक्यूएम) सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) के दिशा-निर्देशों के अनुरूप है, जो एनसीआर में ऐक्यूआई की दैनिक निगरानी करता है। हाल के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली एवं आसपास के जिलों में ऐक्यूआई 450 से ऊपर पहुँचने के कारण ग्रेप-4 को तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है, तथा सोनीपत में भी प्रदूषण स्रोतों पर सख्ती बरती जा रही है। Kharkhoda News
निरीक्षण के दौरान क्या-क्या की गई जांच
उपायुक्त सुशील सारवान ने बताया कि ग्रेप-4 के प्रावधानों में विशेष रूप से उद्योगों में प्रदूषण नियंत्रण उपकरणों (जैसे स्क्रबर, फिल्टर), ईंधन के प्रकार (केवल स्वच्छ ईंधन जैसे पीएनजी/सीएनजी का उपयोग), उत्सर्जन मानकों की पालना, अपशिष्ट प्रबंधन, निर्माणाधीन प्रोजेक्ट एवं धूल नियंत्रण शामिल हैं। जांच के दौरान इन सभी मानकों का निरीक्षण किया गया।
खरखौदा क्षेत्र में एसडीएम खरखौदा निर्मल नागर के नेतृत्व में सघन जांच अभियान चलाया गया, इसमें फिरोजपुर बांगर क्षेत्र में करीब 20 फैक्ट्रियों में पिट फर्नेश (पिट फर्नेश एक औद्योगिक भी है, जिसे जमीन के अंदर बनाया जाता है और यह मुख्य रूप से धातुओं के हिट ट्रीईमेंट के लिए प्रयोग किया जाता है) जलती हुई पाई गई। इन्हें तुरंत बंद करवाया गया और कार्रवाई के लिए कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमैंट (सीएक्यूएम) को रिपोर्ट भेजी गई। एसडीएम गोहाना अंजलि क्षोत्रिय के नेतृत्व में कुण्डली व प्याऊमनियारी क्षेत्र में चैकिंग अभियान चलाया गया, जिसमें कई फैक्ट्रियों की छत पर भारी मात्रा में डस्ट पाई गई। इसके साथ ही कई उद्योगों में डीजल के जनरेटर पाए गए जो एनसीआर क्षेत्र में बैन है।
इन सभी पर एसडीएम टीम कार्रवाई की गई। कई कंपनियों में एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग के साधन भी नहीं पाए गए जो नियमानुसार आवश्यक है। एसडीएम गन्नौर प्रवेश कादियान के नेतृत्व में सनपेड़ा, रामनगर, धतूरी, कामी रोड़ व अन्य कई स्थानों पर चैकिंग अभियान चलाया गया, जिसमें कई स्थानों पर निर्माण गतिविधियां होते हुए पाई गई जो ग्रेप-4 में प्रतिबंधित है। इसके साथ ही कई चावल मीलों में कोयला जलता हुआ भी पाया गया, जो प्रतिबंधित है। एसडीएम सुभाष चंद्र के नेतृत्व में जिला में विभिन्न आयुर्वेदिक दवा कंपनियों में जांच की गई, यहां भी कई खामियां पाई गई, जिनकी रिपोर्ट कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमैंट (सीएक्यूएम) को कार्रवाई के लिए भेजी गई।
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